द फॉलोअप टीम, दुमका:
लॉकडाउन में दुमका की 36 बेटियां तमिलनाडु में चार महीने से फंसीं थी। शुक्रवार को सभी लड़कियां सकुशल झारखण्ड लौट आयी हैं। एलेप्पी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन से पहले उन्हें धनबाद लाया गया फिर वहां बीएस से उन्हें दुमका पहुंचाया गया। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पहल पर इन लड़कियों को सकुशल लाया गया। ये प्रवासी महिलाएं रोजगार के लिए तमिलनाडु गई थीं और वहां सिलाई का काम करती थीं। लेकिन कोरोना महामारी के बीच लॉकडाउन में काम बंद हो गया जिससे भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसलिए यह सभी अपने गृह जिले दुमका लौटना छह रहीं थी। चेन्नई से झारखंड आने में हो रही परेशानी थी इसलिए कई महीनों से वहां फंसी हुई थीं।
संदेश फाउंडेशन ने किया नेक काम
सामाजिक संस्था शुभ संदेश फाउंडेशन को जैसे ही यह जानकारी मिली वैसे ही उन्होंने महिलाओं को उनके घर पहुंचने की कवायद शुरू कर दी थी। स्थानीय विधायक मथुरा प्रसाद महतो ने मुख्यमंत्री से संपर्क किया। मुख्यमंत्री ने तुरंत संज्ञान लेते हुए रेलवे से बात कर इस दिशा में सार्थक पहल की और लड़कियों को उनके घर पहुंचाया। एलेप्पी एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन में एक्स्ट्रा कोच जोड़कर कामगारों को धनबाद लाया गया। यहां से सभी को बसों से दुमका भेजा गया। सन्देश फाउंडेशन के सदस्य ने बताया अबतक 14 सौ प्रवासी मजदूरों को देश के विभिन्न राज्यों से रेस्क्यू करकर सकुशल उन्हें उनके घर पहुंचाया गया है।