द फॉलोअप टीम, रांची:
बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए गठबंधन की सरकार है। लेकिन मुसलमानों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक विकास को लेकर सरकार गंभीर है। सरकार मुसलमानों के लिए भी बेहतर काम कर रही है। उक्त बातें पूर्व राज्य सभा सदस्य और एमएलसी मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने आज रांची में कही हैं। पत्रकारों को बलियावी ने बताया कि बिहार हज हाउस के सहयोग और मदरसा बोर्ड की ओर से शिक्षा दी जा रही है। उनकी डिग्री की मान्यता सरकारी नौकरी में भी है। यही वजह रही कि बीपीएससी और दरोगा बहाली में बिहार में काफी तादाद में मुस्लिम बच्चे-बच्चियां इस बार सफल हुए हैं।
झारखंड सरकार अकलियतों के विकास को लेकर गंभीर नहीं
मौलाना गुलाम रसूल बलियावी ने कहा कि झारखंड में यूपीए गठबंधन की सरकार अकलियतों के विकास को लेकर गंभीर नहीं दिखती है। जेपीएससी या फिर दूसरी सरकारी बहाली में मुसलमानों की संख्या कम नजर आती है। झारखंड में 1968 से एदार ए शरीया झारखंड पूरी शिद्दत के साथ मुसलमानों के हर मसले पर काम कर रहा है। उन्होंने झारखंड में शहीद शेख भिखारी अरबी फारसी विश्वविद्यालय के गठन की मांग उठाई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी, सैयद खुर्शीद अख्तर, मुफ्ती फैजुल्लाह, मौलाना जसीम उद्दीन खान, मौलाना कारी अयूब, मौलाना मुजीब उर रहमान, शमशुल होदा, हाफिज मुक्तादीर, हाफिज रमजान और इकबाल अख्तर आदि उपस्थित थे।
सरकार की अनदेखी चिंतनीय: मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी
मौके पर झारखंड एदारा के नाजिम आला मौलाना कुतुबुद्दीन रिजवी ने कहा कि सरकार से वक्फ बोर्ड , अल्पसंख्यक आयोग, अल्पसंख्यक वित्त निगम और मदरसा बोर्ड के गठन की मांग लगातार की जा रही है। लेकिन सरकार की अनदेखी चिंतनीय है। 6 सालों से वक्फ बोर्ड खाली पड़ा हुआ है। उसमें पदाधिकारियों की नियुक्ति की जाए। साथ ही 15 सूत्री समन्वय समिति को सुचारू रूप से चलाने के लिए सरकार पहल करे। हज हाउस में भी जेपीएससी एवं सिविल सर्विसेज की पढ़ाई की तैयारी के लिए जगह दी जाए।