द फॉलोअप टीम, डेस्क:
ममता बनर्जी आगामी 8 फरवरी को उत्तर प्रदेश का दौरा करेंगी। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लखनऊ और वाराणसी में होने वाली समाजवादी पार्टी की वर्चुअल रैली में पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ शिरकत करेंगी। गौरतलब है कि यूपी में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान किया जा चुका है। खबरें हैं कि तृणमूल कांग्रेस समाजवादी पार्टी का समर्थन करेगी। हालिया लखीमपुर हिंसा और हाथरस कांड में टीएमसी की सक्रियता से इस बात का अनुमान था।
यूपी चुनाव नहीं लड़ेगी टीएमसी
समाजवादी पार्टी के उपाध्यक्ष किरणमय नंदा ने बताया कि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी यूपी में चुनाव नहीं लड़ना चाहती है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को ही सारी सीटें दी जायेंगी। टीएमसी चुनाव अभियान में समाजवादी पार्टी का समर्थन करेगी। गौरतलब है कि बीते साल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने टीएमसी का बाहर से समर्थन किया था। ममता बनर्जी मानती हैं कि भारतीय जनता पार्टी को हराने के लिए सपा का साथ देना जरूरी है।
सपा को मिला है टीएमसी का साथ
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी यूपी विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत से लड़ना चाहती है। पार्टी ने इसके लिए जयंत चौधरी की पार्टी से भी समझौता किया है। बीते कुछ समय से समाजवादी पार्टी और भीम आर्मी के बीच गठबंधन की भी खबरें थीं लेकिन भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने कहा कि कई दौर की वार्ता के बाद भी सहमति नहीं बन पाई। चंद्रशेखर आजाद ने अखिलेश यादव पर दलितों को अपमानित करने का आरोप लगाया। अब भीम आर्मी यूपी चुनाव में अकेले उतरने का एलान कर चुकी है। मुकाबला दिलचस्प होगा।
बीजेपी और सपा में मुख्य लड़ाई
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा कैबिनेट के कई मंत्रियों और विधायकों ने सपा का दामन थाम लिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य, धर्म कुमार सैनी और दारा सिंह जैसे मंत्री समाजवादी पार्टी में शामिल हो गये। आधा दर्जन बीजेपी विधायकों ने भी पाला बदला और सपा के साथ हो लिये। कहा जा रहा है कि इससे बीजेपी को नुकसान होगा क्योंकि ब्राह्मण समुदाय उससे नाराज है। रोजगार के मसले पर युवा भी सीएम योगी से नाराज हैं। हालांकि, बीजेपी इससे इत्तेफाक नहीं रखती।