द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
बंगाल विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार रहे प्रशांत किशोर की कोशिशें रंग ला रही हैं। वो ममता बनर्जी के लिए 2025 लोस चुनाव के लिए पीच तैयार कर रहे हैं। वो लगातार सभी प्रमुख विपक्षी दल के नेताओं से मिल रहे हैं। अबतक वो राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई लोगों से मिल चुके हैं। हालांकि वो कह चुके हैं कि परिस्थिति ऐसी बनेगी कि राहुल गांधी ही देश के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। लेकिन उनका दूसरी ओर प्रयास ममता बनर्जी को मोदी के समक्ष मजबूत चेहरा बनाने का भी कहा जा रहा है। राज्यसभा और लोकसभा के सांसदों ने मिलकर ममता बनर्जी को संसदीय दल का अध्यक्ष चुन लिया है। संभावना है कि वो राज्यसभा चुनाव लड़ सकती हैं।
ममता ने विपक्षी एकता पर दिया बल
ममता बनर्जी ने सभी दलों को आपसी मतभेद भूलकर मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। कहा है कि एक एजेंडा तैयार कर पूरे देश में अभियान चलाया जाए। मोदी सरकार के कई फैसले और व्यवहार से जनता परेशन और तंग आ चुकी है। जरूरत है उसे एक मार्गदर्शन देने की। बता दें कि बंगाल चुनाव में भाजपा को पराजित कर ममता सबसे मजबूत विपक्षी चेहरे के रूप में सामने आई हैं।
डेरेक ओ ब्रायन ने दी जानकारी
टीएमसी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओ ब्रायन ने बताया है कि ममता बनर्जी लंबे समय से तृणमूल संसदीय दल की प्रेरक शक्ति रही हैं। वो सात बार संसद की सदस्य रही हैं। उनके पास अनुभव और अंतर्दृष्टि है। पार्टी के सभी सांसदों ने ममता बनर्जी को सर्वसम्मति से अपना नेता चुना है।
क्यों राज्यसभा में जाएंगी ममता
तृणमूल कांग्रेस से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए दिनेश त्रिवेदी के इस्तीफे से पश्चिम बंगाल से राज्यसभा की एक सीट खाली हुई ह। जिसके लिए 9 अगस्त को उपचुनाव होना है। इसलिए ममता बनर्जी राज्यसभा में जाना चाहती हैं। क्योंकि फिर सांसद के रूप में दिल्ली में उनका रहना होगा। इसका लाभ विपक्षी एकता को मजबूत करने में किया जा सकेगा।
बंगाल का कौन होगा सीएम
इधर, अगर ममता बनर्जी राज्यसभा में सच चली गईं, तो सवाल उठता है कि बंगाल का मुख्यमंत्री पद कौन संभालेगा। क्या उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी बुआ के डमी सीएम बनेंगे। पार्टी के प्रमुख नेताओं में कयास जारी है। अभी से कुछ भी बताना सही नहीं होगा। समय का इंतजार करना चाहिए। गौरतलब है कि ममता बनर्जी अभी किसी भी सदन की सदस्य नहीं हैं। वह न तो लोकसभा की सदस्य हैं, और न ही राज्यसभा की। विधानसभा चुनाव भी सिंगुर से वो हार गई थीं।