द फॉलोअप टीम, रांची:
छठी जेपीएससी मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। छठी जेपीएससी मामले में हाईकोर्ट की डबल बेंच ने अगली सुनवाई तक यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया है। हाईकोर्ट के इस फैसले से अभ्यर्थियों को बड़ी राहत मिली है। झारखंड हाईकोर्ट में छठी जेपीएससी मामले में दायर याचिका पर मंगलवार को सुनवाई हुई। प्रार्थी शिशिर तिग्गा और अन्य की अपील याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की डबल बेंच ने रिट दायर करने वाले याचिका कर्ताओं को नोटिस जारी कर प्रतिवादी बनाने का निर्देश दिया है।
सरकार सिंगल बेंच के आदेश के साथ है!
गौरतलब है कि राज्य सरकार की तरफ से उपस्थित महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं पीयूष चित्रेश ने अदालत को बताया कि सरकार ने सिंगल बेंच में रिट का विरोध किया था लेकिन अब सरकार सिंगल बेंच के आदेशों का अनुपालन करना चाहती है। कोर्ट ने कहा कि यह काफी महत्वपूर्ण मामला है। इससे कई लोगों की नौकरी प्रभावित हो सकती है। इस मामले की सुनवाई 6 सप्ताह बाद होगी। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति डॉ. रविरंजन एवं जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की डबल बेंच ने इस मामले की सुनवाई की थी। देखना दिलचस्प होगा कि आगे क्या होता है।
एकल पीठ के आदेश के खिलाफ डाली थी याचिका
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि प्रार्थियों की ओर से अधिवक्ता इंद्रजीत सिंह, अधिवक्ता सुमित गड़ोदिया समेत हाईकोर्ट के कई बड़े वकीलों ने अपील याचिका पर बहस की। इस मामले में सिंगल बेंच में याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों के द्वारा पूर्व में ही हाईकोर्ट के समक्ष कैविएट दायर की जा चुकी है। छठी जेपीएससी परीक्षा में चयनित अभ्यर्थियों की ओर से इस मामल में एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल की थी। प्रार्थी शिशिर तिक्का समेत अन्य याचिकाकर्ताओं की ओऱ से दाखिल याचिका में हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश को गलत बताते हुए उस आदेश को निरस्त करने की गुहार लगाई थी।
जेपीएससी ने इस आधार पर जारी किया था रिजल्ट
गौरतलब है कि याचिका में कहा गया है कि छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा में पेपर-1(हिंदी और अंग्रेजी) का अंक कुल प्राप्तांक में जोड़ा जाना सही है। इसी आधार पर जेपीएससी ने मुख्य परीक्षा के बाद लिस्ट जारी की थी। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं है। अभी तक राज्य सरकार व जेपीएससी की ओऱ से एकल पीठ के आदेश के खिलाफ अपील दाखिल नहीं की गई है। अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा, अर्पण मिक्षा और अधिवक्ता सुमित गरोड़िया प्रार्थियों के वकील हैं।
हाईकोर्ट ने बहाल रखा है सिंगल पीठ का फैसला
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि झारखंड लोक सेवा आय़ोग द्वारा ली गई छठी जेपीएससी परीक्षा के परिणाम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने अपना फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजय कुमार द्विवेदी की अदालत ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट रद्द करते हुए 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अवैध करार दिया था। बाद में इस परीक्षा में सफल और असफल घोषित किए गए अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटका दिख रहा है। सफल अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपील दायर की है।