द फॉलोअप टीम, रांची:
कभी रांची शहर हरियाली और जलथल तालाबों के लिए विख्यात था। लेकिन शहर के बढ़ने के साथ तालाब जमीन माफियाओं के चंगुल में आकर नक्शेे से ही गायब होते गए। इसकी चिंता जब वकील खुशबू कटारूका को हुई, तो उन्होंने झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दी। जिसकी सुनवाई गुरुवार को हुई। चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन और जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की बेंच ने सरकार से पूछा कि 30 साल पहले रांची में कितने तालाब थे और हरियाली कितनी थी। नगर निगम की ओर से बताया गया कि रांची में तब 14 जलाशय थे और आज भी उतने ही हैं।
अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी
निगम के वकील ने बताया कि बांधों और तालाबों से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इस संबंध में लोगों को नोटिस भी भेजा गया है। सरकार की ओर से दिए गए जवाब से अदातत संतुष्टा नहीं हुई। कोर्ट में जवाब दाखिल करने को कहा। अगली सुनवाई 4 मार्च को होगी।