द फॉलोअप टीम, रांची:
चिकित्सकों का तबादला करना और उनसे उनकी मर्जी की पोस्टिंग के विषय में पूछना, दोनों ही काफी सराहनीय कदम है। हालांकि ये रूटीन प्रक्रिया है। तबादला होता ही है लेकिन चिकित्सकों को इसका विकल्प देना काफी सराहनीय कदम है। डॉक्टर्स कहीं दूर सुदूरवर्ती इलाके में काम करते हैं। उनका परिवार कहीं दूर रहता है। बच्चे कहीं पढ़ रहे होते हैं। इसका चिकित्सकों के मनोबल पर असर होता है। यदि उनको तबादले में विकल्प दिया जा रहा है। इसे मैं सरकार की अच्छी पहल कहूंगा। ये काफी अच्छा प्रयास है। ये कहना है आईएमए के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. एके सिन्हा का। दरअसल, झारखंड सरकार डॉक्टरों का तबादला करने पर विचार कर रही है।
10 साल से ज्यादा सेवा देने वाले डॉक्टरों से पूछा विकल्प
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने दस साल या इससे अधिक समय तक एक ही स्थान पर पदस्थापित डॉक्टरों के तबादले का फैसला किया है। तबादले की प्रक्रिया के दौरान चिकित्सकों से विकल्प भी पूछा गया है। राज्य में पहली बार ऐसा हो रहा है कि विभाग से संबंधित अधिकारियों से उनके पसंद के जगह की जानकारी मांगी है। विभाग ने सभी जिलों से सिविल सर्जन को इस बाबत पत्र भी लिखा है। कहा गया है कि 10 वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थापित डॉक्टरों के स्थानांतरण और पदस्थापन पर विचार किया जा रहा है। चिकित्सकों से विकल्प पूछा गया है।
कोरोना काल में चिकित्सकों को भी फैमिली सपोर्ट जरूरी
इंडियन मेडिकल काउंसिल के स्टेट प्रेसिडेंट डॉ. एके सिन्हा कहते हैं कि नौकरी जरूरी है लेकिन परिवार भी काफी अहम है। परिवार को भी देखना है। उनका कहना है कि यदि विकल्प के आधार पर पोस्टिंग दी जायेगी तो चिकित्सक तनाव मुक्त रहेंगे। परिवार से उनको भावनात्मक सपोर्ट मिलेगा। उनके काम में उत्पादकता भी आएगी क्योंकि वे काम करने के अनुकूल माहौल में होंगे। विशेष तौर पर कोरोना काल में परिवार से दूरी ने मानसिक तनाव को जन्म दिया है। डॉक्टर्स लंबे वक्त से परिवार से दूर है। सुदूरवर्ती इलाकों में, परिवार से 200 से 300 किमी दूर उनकी पोस्टिंग की गई थी। परिवार से दूरी से तनाव होता ही है ये स्वाभाविक बात है। वे खुले मन से सेवा नहीं दे पाते थे। चूंकि अब विकल्प दिया जा रहा है। चिकित्सकों को भी विकल्प पर पोस्टिंग मिली तो अच्छा काम करना चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग ने सभी सिविल सर्जनों को दिया है निर्देश
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डॉक्टरों से विकल्प लेने के लिए उनकी वरीयता सूची के अलावा सदर अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिक्तियों की जानकारी वेबसाइट ( www.jharkhand.gov.in/health ) पर अपलोड की गई है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा भेजी गई चिट्ठी में सिविल सर्जन्स को ये निर्देश दिया गया है कि वो डॉक्टरों से विकल्प लेने के बाद अपने मंतव्य के साथ ई-मेल drestab3@gmail.com पर भेजें। इसकी हार्ड कॉपी भी विभाग की तरफ से मांगी गई है। कहा जा रहा है कि कोरोना काल में चिकित्सकों को तनावमुक्त करने के लिए ये व्यवस्था की जा रही है। इससे फायदा मिलेगा। वे तनावमुक्त होकर काम करेंगे।