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93 सालों का है ओलिंपिक से झारखंड का नाता, पढ़िए रोचक जानकारी

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द फॉलोअप टीम, रांची:
ओलंपिक में खेलने का सपना हर खिलाड़ी का होता है, लेकिन बहुत कम खिलाड़ी इस मुकाम तक पहुंच पाते हैं। इस बार झारखंड की तीन खिलाड़ी ओलंपिक में गई हैं। इसके पहले भी झारखंड ओलंपिक में अपनी उपस्थिति दर्ज कराता रहा है। झारखंड का ओलंपिक से बहुत पुराना नाता रहा है। ओलंपिक की शुरुआत 776 ई पूर्व में हुई थी। भारत की तरफ से सबसे पहले 1900 ई. में एकमात्र खिलाड़ी नार्मन प्रिजार्ड ने भाग लिया था। पहली ही बार उन्होंने एथलेटिक्स में दो रजत पदक अपने नाम किया था। झारखंड की तरफ से सबसे पहले जयपाल सिंह मुंडा 1928 में ओलंपिक गए थे। वे भारतीय हॉकी टीम के कप्तान थे। इस साल भारत ने स्वर्ण पदक जीता था। 


ओलिंपिक में झारखंड
ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के लिए झारखंड की दो खिलाड़ियों का चयन ऐतिहासिक है। निक्की प्रधान व सलीमा टेटे का ओलंपिक के लिए चयन हुआ है साथ ही झारखंड की बेटी दीपिका कुमारी का यह तीसरा ओलंपिक गेम है। झारखंड के खिलाड़ियों ने ओलंपिक की विभिन्न स्पर्धाओं में अब तक झारखंड का प्रतिनिधित्व किया है। इसमें जयपाल सिंह मुंडा के अलावा सिलवानुस डुंगडुंग, हरभजन सिंह, मनोहर टोपनो, रीना कुमारी, दीपिका कुमारी, निक्की प्रधान और सलीमा टेटे का नाम शामिल है। 

इन खेलों से रहे हैं खिलाड़ी 
ओलंपिक गेम्स में झारखंड के खिलाड़ियों का दबदबा धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। अब तक झारखंड से कुल 7 हॉकी खिलाड़ियों ने ओलंपिक तक का सफर तय किया है। इनमें जयपाल सिंह मुंडा, माइकल किडो, मनोहर टोपनो , सिल्वानुस डुंगडुंग, अजीत लकड़ा, निक्की प्रधान और सलीमा टेटे का नाम शामिल है। वहीं, तीरंदाजी में भी झारखंड की खिलाड़ियों का ओलंपिक गेम्स में दबदबा पिछले कुछ वर्षों से दिख रहा है। आर्चरी में मंगल सिंह चम्पिया, रीना कुमारी, पूर्णिमा महतो और अब दीपिका कुमारी का नाम भी ओलंपियन के रूप में शामिल है। बास्केटबॉल में हरभजन सिंह और बॉक्सिंग में दिवाकर प्रसाद ने ओलंपिक तक का सफर तय किया है।

 

(यह स्‍टोरी प्रशिक्षु पत्रकार राहुल कुमार ने लिखी है।)