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झारखंड गौ सेवा आयोग का दो दिवसीय सम्मेलन 19-20 जून को, देशभर से जुटेंगे विशेषज्ञ

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द फॉलोअप डेस्क 

रांची, 16 जून – झारखंड गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष राजीव रंजन प्रसाद ने आज एक प्रेस वार्ता में जानकारी दी कि आगामी 19-20 जून को रांची के पशुपालन भवन, हेसाग, हटिया में दो दिवसीय राष्ट्रीय गौ सेवा सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। इस सम्मेलन मे पारिस्थितिक संतुलन एवं आधुनिकता के परिप्रेक्ष्य मे गो सेवा के क्षेत्र मे उभरती चुनौतिया एवमं संभावनाओ पर विचार विमर्श होगा।  इस सम्मेलन में देशभर से गौ सेवा और पर्यावरण संतुलन से जुड़े विद्वान, विशेषज्ञ और सामाजिक कार्यकर्ता शामिल होंगे, जो अपने विचार और अनुभव साझा करेंगे।

राजीव रंजन प्रसाद ने बताया, "हम दो दिनों के विचार-मंथन के बाद राज्य सरकार को गौ सेवा से जुड़ी कुछ ठोस नीतिगत सुझाव देंगे।"

सम्मेलन में जिन प्रमुख वक्ताओं को आमंत्रित किया गया है, उनमें शामिल हैं:
 सुनील मांसिंहका (नागपुर) – पंचगव्य अनुसंधान समिति के सदस्य
 डॉ. सत्य प्रकाश वर्मा (जयपुर) – नैनो टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ एवं Gobarwala.com के संस्थापक
 मदन कुशवाहा – पंचगव्य स्वास्थ्य सेवा के विशेषज्ञ 
 सिद्धार्थ जैसवाल – संकायाध्यक्ष, बी पी डी यूनिट, बिरसा कृषि विश्वविद्यालय
 डॉ. आर.के. पुंडीर – पंचगव्य पर 5 पुस्तकें, 38 वर्षों का अनुभव
 डॉ. अखिलेश पांडेय – मध्य प्रदेश
 डॉ. एस.के. मित्तल – मैसूर, कर्नाटक, AWBI जलिकट्टू निरीकक्ष के नोडल ऑफिसर
 मनोज कुमार – गोबर से पेंट बनाने वाले स्टार्टअप के संस्थापक, जमशेदपुर
 श्री सुदर्शन विश्वास – शिक्षा व जैविक खेती से जुड़े विशेषज्ञ, इत्यादि 
इन सभी वक्ताओं के अलावा, अंतिम सत्र में किरण पाशी का व्याख्यान होगा, जो बताएंगी कि झारखंड सरकार गौ सेवा को लेकर आगे क्या प्रयास करेगी।

राजीव रंजन प्रसाद ने कहा: "हमारी संस्कृति में गाय केवल पशु नहीं, मां के रूप में पूजी जाती हैं। आज की भाग-दौड़ की जिंदगी में आमजन में गौ सेवा की भावना कमजोर हो रही है, खासकर शहरी क्षेत्रों को गाय चराने की जगह तक नहीं मिल रही है। नई पीढ़ी में इसके प्रति उत्सुकता बढ़नी चाहिए।"
गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष राजू गिरि ने बताया कि यह सम्मेलन ऐतिहासिक होगा, जिसमें हर राज्य से प्रतिनिधि और विशेषज्ञ भाग लेंगे। उन्होंने कहा: "मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में 16 वर्षों के बाद आयोग को अध्यक्ष और उपाध्यक्ष मिले हैं। हमने राज्यभर में भ्रमण कर 5000 महिलाओं को रोजगार के लिए गोबर-गौमूत्र से मूर्ति निर्माण, अगरबत्ती, और अन्य वस्तुएं बनाने के प्रशिक्षण दिए हैं। इससे महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकती हैं।"

राजू गिरि ने बताया कि

"इससे पहले आयोग में केवल राजनीति होती थी, अब हम चाहते हैं कि लोग इस सम्मेलन में बढ़-चढ़कर भाग लें ताकि सरकार को इस क्षेत्र में नीति बनाने में आसानी हो।" 
सम्मेलन का उद्घाटन 19 जून को सुबह 11 बजे झारखंड की कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की करेंगी। इसके बाद गौ आधारित उद्यमिता पर सत्र आयोजित होगा, जिसमें डेयरी क्षेत्र के लोग भी आमंत्रित हैं।

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