द फॉलोअप टीम, रांची:
पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ कांग्रेस का देशव्यापी विरोध कार्यक्रम जारी है। इसी कड़ी में झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमिटी द्वारा 19 जुलाई को राज्य के सभी पेट्रोल पंप के सामने हस्ताक्षर अभियान चलाया जाएगा। झारखंड कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव सहित पार्टी के सभी पूर्व और वर्तमान सांसद, पूर्व और वर्तमान विधायक, वरिष्ठ अधिकारी, नेता और कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे। गौरतलब है कि पार्टी ने 17 मार्च को साइकिल रैली निकाली थी।
कीमतों में बढ़ोत्तरी वापस लेने तक आंदोलन
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार से अब जनता का विश्वास पूरी तरह से उठ चुका है। जिस तरह से पिछले एक साल में 67 बार पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी की गई उससे आम लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी से हर जरूरी वस्तुओं की कीमतें भी बढ़ गयी हैं जिससे लोगों का आक्रोश केंद्र सरकार के खिलाफ लगातार बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से इस मुद्दे को लेकर देशव्यापी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। सोनिया-गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी जनभागीदारी से इसे जनआंदोलन बनाने में जुटी है। जब तक पेट्रोल-डीजल की कीमत में बढ़ोत्तरी को वापस नहीं ले लिया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
लाखों मध्यमवर्गीय परिवार अब गरीब हो गए
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता लाल किशोरनाथ शाहदेव ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार में पेट्रोल-डीजल पर टैक्स लूट का हर आम व्यक्ति पर खासा असर पड़ा है। एक सर्वे के अनुसार देश में 79 प्रतिशत परिवारों की आमदनी पिछले वर्ष की तुलना में कम हुई है, लेकिन खर्च में बढ़ोत्तरी हुई है। वहीं लोगों का बचत भी 49 प्रतिशत घट गया है। देश के लाखों मध्यमवर्गीय परिवार अब निम्न-मध्यमवर्गीय या गरीब परिवारों की श्रेणी में शामिल हो गए हैं। ना केवल पेट्रोल-डीजल बल्कि घरेलु जरूरत की वस्तुओं की कीमत में भी खासा इजाफा हुआ है। कीमतें कम होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
एक्साइज ड्यूटी कम करने की मांग कर रहे लोग
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ0 राजेश गुप्ता छोटू ने कहा कि देश की जनता अब सड़कों पर उतर कर केंद्र सरकार से यह मांग शुरू करने लगी है कि पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी को काम किया जाए। इसके बावजूद केंद्र सरकार लोगों की मांग की अनदेखी कर रही है। पिछले एक वर्ष में पेट्रोल की कीमत में 25 फीसदी और डीजल की कीमतों में 11 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है, जिससे पूरे देश की आर्थिक व्यवस्था चरमरा गयी है। केंद्र सरकार को कीमतों में कमी करनी ही होगी।