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चीन की छाती पर इंडियन आर्मी ने किया युद्धाभ्यास, जवानों ने तोप के साथ दिखाया पराक्रम!

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी विवाद के बीच इंडियन आर्मी (Indian Army) के जवानों की चहलकदमी दिखी है। गौरतलब है कि चीनी पक्ष से किसी खतरे से निपटने के लिए भारतीय सेना के सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास तवांग सेक्टर (Tawang) में युद्बाभ्यास किया। गौरतलब है कि अरुणांचल प्रदेश (Arunanchal Pradesh) में चीनी सैनिकों की लगातार बढ़ती घुसपैठ की कोशिशों के बीच भारतीय सेना ने उपस्थिति बढ़ा दी है। हाल ही में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अरुणांचल प्रदेश का दौरा किया था जिस पर चीन ने आपत्ति जताई थी। 

भारतीय सैनिकों ने जमकर किया युद्धाभ्यास
गौरतलब है कि भारतीय सेना के जवानों ने अरुणांचल प्रदश के पूर्वी क्षेत्र के उबड़-खाबड़ वाले इलाकों में कठिन जलवायु के बीच आक्रामण, ट्रेनिंग और दुश्मनों की टोह लेने का अभ्यास किया। इस युद्धाभ्यास में बकायदा टैंक (Indian Army Cannon Regiment) रेजिमेंट ने भी हिस्सा लिया। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच बीते काफी लंबे समय से विवाद है। दोनों ओर के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पें तक हो चुकी हैं। भारत और चीन के बीच सीमा विवाद को लेकर कमांडर और ब्रिगेडियर स्तर की 13 दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन कोई नतीज नहीं निकला। फिलहाल यथास्थिति बहाल रखने पर सहमति बनी थी लेकिन चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी समय-समय पर यथास्थिति का उल्लंघन करती रहती है। 

भारत और चीन के बीच एतिहासिक विवाद
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत और चीन के बीच ऐतिहासिक रूप से ही सीमा विवाद है। सीमा विवाद की वजह से साल 1962 में जंग लड़ी गई वहीं 1967-68 में भी सीमा पर हिंसक झड़पें हुई थी। कोविड काल के दौरान मई 2020 में चीन और भारत के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान वैली में विवाद की शुरुआत हुई और 15 जून 2020 को गलवान घाटी में हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गये। भारतीय सेना का दावा था कि चीनी सैनिकों की बड़े पैमाने पर मौत हुई है लेकिन जिनपिंग सरकार ने कभी भी झड़प में हताहतों की संख्या को जाहिर नहीं किया। 

वास्तविक नियंत्रण रेखा की इन बिंदुओं पर विवाद
गौरतलब है कि भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपनी सीमा में कई आधारभूत संरचना का निर्माण किया है। भारत ने वहां सड़कों का जाल बिछाया है। छोटे हैलिपैड का निर्माण करवाया है। टनल का निर्माण करवाया है। हाल ही में भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पूर्वी लद्दाख एरिया में तोप रेजिमेंट की तैनाती की है। इधर चीन इन बातों से चिढ़ा हुआ है। वो अरुणांचल प्रदेश को भारत का हिस्सा मानने को तैयार नहीं है और उसे दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। भारत औऱ चीन के बीच पूर्वी लद्दाख स्थित पैंगोंग त्सो झील, रेजांग ला, गलवान वैली, तवांग जैसे इलाकों में तनाव है।