द फॉलोअप टीम, रांचीः
राजधानी रांची में नशे का कारोबार दिन-प्रतिदिन बड़ा रूप लेता जा रहा है। अब यह और भी खतरनाक और पुलिस के लिए मुश्किलें बढ़ाने वाला होता जा रहा है। धंधे में अब महिलाओं की एंट्री हो गयी है। नकली शराब, गांजा, अफीम, ब्राउन शुगर, नशीले टेबलेट, इंजेक्शन की सप्लाई लड़कियां धड़ल्ले से कर रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ रांची में एक दर्जन से ज्यादा महिलाएं इस कारोबार से जुड़ी हुईं हैं।
सीनियर एसपी सुरेंद्र कुमार झा ने कहा है कि किसी तरह के ड्रग्स से कारोबार को बढ़ने नहीं दिया जाएगा। ड्रग्स कारोबार पर नकेल कसने के लिए पुलिस हर तरह से काम कर रही है।
कॉलेज की लड़कियां कर रही ड्रग्स सप्लाई
ड्रग्स कारोबारियों ने कॉलेज की लड़कियों को इस धंधे में शामिल कर लिया है। रैकेट में लड़कियों से लेकर सब्जी बेचने वाली महिलाएं तक शामिल हैं। जो लड़कियां जल्द से जल्द पैसा कमाने की चाहत रखती हैं वह तस्करों के निशाने पर हैं। पढ़ी-लिखी लड़कियां हाईटेक तरीके से ड्रग्स का कारोबार कर रही हैं। लड़कियां व्हाट्सएप पर ग्राहक खोजती हैं और फिर ऑनलाइन पेमेंट लेकर, ड्रग्स की डिलेवरी करती हैं।
मॉडल की गिरफ्तारी हुई थी
हाल ही 17 नंवबर को एक मॉडल की गिरफ्तारी हुई थी। सुखदेव नगर थाना क्षेत्र से रांची पुलिस ने एक मॉडल को नशे के अवैध कारोबार में संलिप्त होने के कारण गिरफ्तार किया था। मॉडल का नाम ज्योति भारद्वाज है। मॉडल के साथ एक अन्य हर्ष नामक युवक को भी पुलिस ने पकड़ा था। हांलाकि गिरोह का सरगना पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया था । गिरफ्तार मॉडल पिछले ढाई वर्ष से दिल्ली में थी और फिलहाल रांची में आकर यह अवैध धंधा कर रही थी। यहां वह गांधी नामक ड्रग्स तस्कर के सम्पर्क में थी।
क्या कहते हैं आंकड़े
झारखंड पुलिस ने साल 2021 में 1506 किलोग्राम गांजा बरामद किया। वहीं, 60 गांजे के पौधे भी नष्ट किए गए। पुलिस ने विभिन्न जिलों में चले अभियान के दौरान 21687.320 किलोग्राम डोडा, 256 किलो अफीम, 500 ग्राम ब्राउन शुगर, 100 ग्राम हेरोइन जब्त किया है. पुलिस ने इस दौरान नारकोटिक्स एक्ट में 304 मुकदमें दर्ज किए हैं, वहीं 463 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. 2020 में पुलिस ने अभियान के दौरान 21 अलग अलग ब्रांड की दवाईया जब्त की थी, जिनका इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा था। वहीं, पुलिस ने नारकोटिक्स एक्ट में 382 मुकदमे दर्ज कर 524 लोगों को जेल भेजा था। 2019 में पुलिस ने नारकोटिक्स से जुड़े 256 केस में 328, जबकि 2018 में पुलिस ने 237 मुकदमें दर्ज कर 301 लोगों को जेल भेजा था।