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रांची का यह बंगाली परिवार बांग्लादेश की मिटटी से बनाता है मां की प्रतिमा 

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

रांची के एक घर में आज भी बंगलादेशी परंपरा के साथ माता दुर्गा की पूजा होती है। यह घर महात्मा गांधी मार्ग स्थित राधेश्याम गली में है। यहां एक बंगाली परिवार सदियों से चली आ रही परंपरा का आज भी अनुसरण कर रहा है।  मजूमदार परिवार घर पर ही मां दुर्गा की प्रतीमा को बनवाता है। सबसे ख़ास बात यह है कि यह प्रतिमा बांग्लादेश की मिटटी से बनाया जाता है। पूजा की विधि विधान भी बांगलादेशी है।  दूसरी जगह के पूजा-विधि से यहां की पूजा बिल्कुल अलग है।
 
बंग्लादेशी तरीके की प्रतीमा 

मां दुर्गा की प्रतिमा के बाएं हाथ के पास गणेश भगवान की प्रतिमा है और दाहिनी ओर कार्तिक की प्रतिमा है। बांग्लादेश में मां दुर्गा की प्रतिमा इसी तरह से बनायीं जाती है। मुर्ती बनाने के लिए बंग्लादेश की खास मिट्टी का उपयोग होता है। जब बिहार से झारखंड अलग नहीं हुआ था तब ही ये परिवार रांची आया था और यहीं बस गए।  रांची में मजूमदार परिवार पिछले 100 साल से बांग्लादेशी परंपरा से मां दुर्गा की पूजा अर्चना कर रहा है। घर की महिला संगीता दत्ता ने बताया कि उनके घर की मूर्ति अन्य मूर्तियों से अलग है। उनके घर में पिछले 100 वर्षों से पूरे बांग्लादेशी परंपरा के अनुसार पूजा होती है। 
 
क्या खासियत है प्रतिमा की 

संगीता दत्ता ने बताया कि अपने संस्कार अपनी परंपरा को बनाए रखना मजूमदार परिवार की पहली प्राथमिकता है। इसी परिवार की एक महिला  अर्चना रॉय बताती हैं  कि दुर्गा पूजा में पूरा परिवार एक साथ शामिल होता है। राधेश्याम गली में रहने वाले मजूमदार परिवार के यहां बनी मां दुर्गा की प्रतिमा पूरी तरह से अलग है। यह बांग्लादेशी परंपरा के अनुसार बनाई गई है।