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पहले किसानों के खाते में डाले पैसे, फिर बिना बताए निकाले... धान खरीद घोटाला पहुंचा कोर्ट

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द फॉलोअप टीम, पलामू: 

पलामू में धान खरीद के नाम पर बड़े घोटाले को अंजाम देने का मामला सामने आया है। यहां लाभुक किसानों की जानकारी के बगैर ही उनके नाम पर फर्जी तरीके से धान खरीद कर खाते में करोड़ों रुपये का खेल खेला जा रहा है। इस पूरे मामले में झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। देखना दिलचस्प होगा कि हाईकोर्ट मामले में कम संज्ञान लेता है। 

कई गुना ज्यादा बताकर बड़ी रकम खाते में ट्रांसफर
अरुण कुमार दुबे की ओर से जनहित याचिका दायर की गई है। मामला पिछले साल मई 2020 का है। पलामू प्रमंडल में धान खरीद के नाम पर किसानों के साथ बड़ी ठगी का मामला सामने आ रहा है। इसमें किसानों से वास्तविक रूप में पैक्स के माध्यम से जितनी धान की खरीद की जा रही है, कागज पर उससे कई गुना ज्यादा बताकर बड़ी रकम खाते में ट्रांसफर की जा रही है। 

पलामू के कई प्रखंडों में सामने आई गड़बड़ी
गौरतलब है कि पलामू के हुसैनाबाद और मनातू समेत कई प्रखंडों में ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। पिछले साल किसानों के लिए धान खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्यतय किया गया था। इसी के आधार पर पैक्स के माध्यम से किसानों से धान की खरीद की जा रही थी। गड़बड़ी की बात सामने आने के बाद मामले की जांच की मांग की जा रही है। 

डीसी ने दिये थे जांच के आदेश
बताते चलें कि इस बात कि शिकायत पर पलामू डीसी ने पूरे मामले के जांच के आदेश दिये थे, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई ना होने पर वकील राजीव कुमार ने बताया कि किसानों से ठगी करने के इस मामले के पीछे करोड़ों रुपए का खेल बताया जा रहा है। ऐसे में अब हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया गया है।

शिकायत में किसानों के खाते का दिया गया विवरण
याचिकाकर्ता अरुण कुमार दुबे ने बताया कि पलामू के मनातू प्रखंड के पदमा गांव में मयूर अहमद और नुसरत परवीन के एसबीआई खाते में 12 मार्च को 1 लाख 81 हजार 500 रुपए डाले गए और फिर अगले ही दिन 13 तारीख को पूरी राशि निकाल ली गई। 

किसान की जानकारी के बिना निकली राशि
इसी तरह 7 अप्रैल 2020 को 2 लाख खाते में डाले गए और अगले ही दिन 8 अप्रैल को पूरी राशि बिना किसान की जानकारी के ही निकाल ली गई। उसके बाद 6 मई 2020 को 2 लाख फिर से खाते में डाले गए और 2 दिन बाद ही 8 अप्रैल को पूरी राशि खाते से निकाल ली गई।