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मैरिज एनिवर्सरी पर नहीं की पार्टी, गांव की एक बेटी के विवाह में कर दिया खर्च

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द फ़ॉलोअप टीम, गढ़वा:

ऐसा ही है अपना हिंदुस्तान कि शहीद अशफ़ाक़ उल्लाह जब बीमार पड़ते तो 'राम-राम' चिल्लाते तो शहीद रामप्रसाद बिस्मिल पीड़ा में होते तो 'अल्लाह' को याद करते थे। आर्थिक रूप से कमज़ोर एक पासवान परिवार के ऐसे ही दर्द को शौकत खान ने महसूस किया। उन्हें जैसे ही पता चला कि उस परिवार में बेटी का विवाह है। उन्होंने हर साल की तरह होने वाली अपनी शादी की सालगिरह की पार्टी स्थगित कर दी और उस पैसे से ज़रूरत के सारे सामान उस बिटिया के ब्याह के लिए भिजवा दिए।


कपड़ा बैंक भी निःशुल्क चलाते हैं शौकत
शौकत खान समाजसेवी हैं। निःशुल्क कपड़ा बैंक भी संचालित करते हैं। आज 29 मई को ही उनकी शादी को 27 साल पूरे होने जा रहे हैं। कहते हैं कि बेटियां सिर्फ माता-पिता की नहीं होती हैं। बेटियां हम सभी देशवासियों की धरोहर और पूजनीय होती हैं। बेटियों की सेवा करना और उनको प्रोत्साहन देना पुण्य का काम होता है। उन्होंने कहा कि बिटिया की शादी में सहायता करके बहुत खुशी मिली। 

बारातियों के खान-पान का किया बढ़िया इंतज़ाम
बंशीधर नगर के कुलहुआ गांव में एक पासवान समाज की बेटी की शादी आज यानी 29 मई को ही है। गांव समाज के लोगों ने खुद आगे बढ़कर बच्ची की शादी धूमधाम से मनाने की ठानी और सारा इंतजाम मिल जुलकर किया। जब बेटी की पिता को बारातियों के इंतजाम में कुछ कमी लगी तो उन्होंने गांव वालों के माध्यम से शौकत खान को फोन पर सूचना दी। शौकत ने तुरंत ही अपने पुत्रों साजिद खान  और फैजान खान को सभी जरूरी खाद्य सामग्री के साथ भिजवाया। इन भाइयों ने बारातियों की खाने-पीने की व्यवस्था कुछ ही घंटों में करा दी।

शौकत खान मेरे लिए भगवान से कम नहीं: लड़की के पिता
लड़की के पिता ने कहा कि शौकत खान मेरे लिए भगवान से कम नहीं है। उन्होंने मुझे जरूरत का सामान दिया है। भगवान उन्हें लंबी उम्र दे। मौके पर नेसार आलम और मासूम अंसारी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।