logo

2016 से पूर्व की नीति पर मिलेगी नौकरी, नई नियोजन नीति नहीं लाएगी हेमंत सरकार! नियुक्ति के लिए नये सिरे से जारी होगा विज्ञापन

5115news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड सरकार नई नियोजन नीति नहीं लाएगी। 2016 के पहले जो नीति थी उसी के आधार पर झारखंड के युवाओं को नौकरियां दी जाएंगी। झारखंड में नियुक्तियों के लिए नए सिरे से विज्ञापन जारी किया जाएगा। दरअसल, झारखंड की हेमंत सरकार ने बीते 3 फरवरी को कहा था कि पुरानी नियोजन नीति को रद्द कर दिया जाएगा, लेकिन अब सरकार ने अपना वो फैसला वापस ले लिया है। 

नए सिरे से जारी होगा नियुक्ति के लिए विज्ञापन
जानकारी के मुताबिक झारखंड सरकार के सामने फिलहाल नई नियोजन नीति का कोई प्रस्ताव नहीं है। बता दें कि राज्य के 13 अनुसूचित और 11 गैर अनुसूचित जिलों के लिए लागू की गई नियोजन नीति को कैबिनेट के निर्णय के बाद संकल्प के माध्यम से कार्मिक और प्रशासनिक सुधार विभाग ने वापस ले लिया है। वो नियोजन नीति पूर्ववर्ती रघुवर सरकार के समय लागू की गई थी। अब नए सिरे से नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी करने का आदेश जारी किया गया है। नई नियुक्तियां 2016 के पहले वाली नियोजन नीति के आधार पर ही होगी। 

राज्यपाल की मंजूरी के बाद जारी होगा संकल्प
नए आदेश में कहा गया है कि गैर अनुसूचित जिलों में जिलास्तरीय पदों के लिए राज्य के किसी भी जिले के लोग नौकरी के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, अराजपत्रित वर्ग ख (सचिवालय सेवा एवं समकक्ष वेतनमान, 4600 ग्रेड पे) के सभी पदों पर पहले के तरह ही राज्य से बाहर के भी छात्र आवेदन कर सकते हैं। सरकार ने अपने इस फैसले से झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग को अवगत करा दिया है। 13 अनुसूचित जिलों के लिए कैबिनेट में हुए निर्णय पर राज्यपाल की सहमति लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ये 13 जिले पांचवी अनुसूचि के अंतर्गत आते हैं जिससे संबंधित नियोजन नीति पर राज्यपाल की सहमति जरूरी होती है। आधिकारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक 2016 में इन जिलों के लिए नियोजन नीति बनाते समय राज्यपाल की मंजूरी ली गई थी। 

ये भी पढ़ें......

जानिए, 2016 से पहले क्या थी नियोजन की नीति
आपको ये भी बताते हैं कि साल 2016 से पहले की नियोजन नीति क्या थी। उस नियोजन नीति के मुताबिक जिलास्तरीय पदों पर राज्य के किसी भी जिले के निवासी उक्त जिले में नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते थे। राज्यस्तरीय अनारक्षित 50 फीसदी पदों के लिए राज्य से बाहर के लोग भी आवेदन कर सकते थे। चलिए ये भी जान लीजिए कि, कौन से अनुसूचित जिले हैं और कौन से जिले गैर अनुसूचित जिले की श्रेणी में आते हैं। 

अनुसूचित जिलों की संख्या 13 है जिनमें साहेबगंज, पाकुड़, दुमका, जामताड़ा, लातेहार, रांची, खूंटी, गुमला, लोहरदगा, सिमडेगा, पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम और सरायकेला-खरसांवा शामिल है। गैर अनुसूचित जिलों की संख्या 11 है जिनमें पलामू, गढ़वा, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, देवघर और गोड्डा शामिल है। 

अभी लंबित है कैबिनेट सबकमिटी बनाने की प्रक्रिया
आपको बता दें कि 14 जुलाई 2016 को रघुवर दास सरकार ने अधिसूचना जारी करके राज्य में नई नियोजन नीति लागू की थी। 3 फरवरी 2021 को हेमंत सोरेन सरकार ने घोषणा की थी कि 2016 वाली नियोजन नीति को रद्द करके नई नियोजन नीति लाई जाएगी। हालांकि, मामले में कैबिनेट सबकमिटी अभी तक नहीं बनी। दरअसल, अगस्त 2020 में कैबिनेट की बैठक में नए सिरे स्थानीय नीति बनाने के लिए 3 सदस्यों वाली कैबिनेट सबकमिटी बनाने का फैसला किया गया था। इतना वक्त बीत जाने के बाद भी कैबिनेट सबकमिटी बनाने की प्रक्रिया लंबित है। अगस्त 2020 में कैबिनेट की बैठक में नये सिरे से स्थानीय नीति बनाने के लिए 3 सदस्यीय कैबिनेट सबकमेटी बनाने का निर्णय लिया था। हालांकि अभी कैबिनेट सबकमेटी बनने का मामला प्रक्रिया में है। इस खबर में ये भी जान लेते हैं कि नियोजन नीति में कब-कब संसोधन किया गया। ये भी जानेंगे कि इसका क्या परिणाम हुआ। 

नियोजन नीति में कब-कब किया गया था संसोधन
इसमें पहला संसोधन 14 जुलाई साल 2016 में किया गया। कहा गया कि 13 अनुसूचित जिलों में केवल उसी जिले के लोग जिलास्तरीय पदों पर नियुक्ति के पात्र होंगे। अब ये संकल्प वापस लेने के लिए राज्यपाल की मंजूरी के लिए भेजा जा रहा है। सहमति मिलते ही संकल्प जारी होगा। इसके बाद 13 अनुसूचित जिलों में गैर अनुसूचित जिलों के निवासी भी आवेदन कर सकेंगे। दूसरा संसोधन 1 जून 2018 को किया गया था। इसमें भी कहा गया था कि 11 गैर अनुसूचित जिलों में जिला स्तरीय पदों पर उसी जिले के निवासी आवेदन करने के पात्र होंगे। पांच फरवरी 2021 को जारी संकल्प में पहले वाले संकल्प को वापस लिया गया। 

अब गैर अनुसूचित जिलों में अनुसूचित जिलों के निवासी भी आवेदन कर सकेंगे। तीसरा संसोधन 20 नवंबर 2018 को किया गया था। कहा गया था कि अराजपत्रित वर्ग ख, ग, ग और घ के लिए जारी पदों पर केवल स्थानीय निवासी ही आवेदन के पात्र होंगे। इसमें दूसरे राज्य का व्यक्ति आवेदन नहीं कर सकेगा। नए संकल्प में इसे वापस लिया गया। अब इसमें दूसरे राज्य के व्यक्ति भी आवेदन कर सकते हैं।