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निर्वाचन आयोग की तैयारी पूरी थी, हेमंत सरकार ने 'कोरोना की आड़' में टाला पंचायत चुनाव! 

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड में बीते महीने पंचायत चुनाव की सुगबुगाहट तेज हुई थी। कहा गया था कि राज्य निर्वाचन आयोग किसी भी वक्त पंचायत चुनाव की तारीखों का एलान कर सकता है। चर्चा तेज थी लेकिन अचानक पता चला कि फिलहाल पंचायत चुनाव नहीं होंगे। कहा गया कि कोरोना का खतरा फिलहाल टला नहीं है। चुनाव की वजह से ग्रामीण इलाकों में कोरोना का संक्रमण फैल सकता है। इस बीच खबरें आ रही है कि निर्वाचन आयोग पूरी तरह तैयार था लेकिन सरकार ने कोरोना का हवाला देकर अड़ंगा लगा दिया। 

कार्यकारी समिति के भरोसे हैं राज्य के पंचायत
गौरतलब है कि गांव की सरकार यानी पंचायत फिलहाल कार्यकारी समिति के रूप में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही है। बीते 1 साल से पंचायत चुनाव की आस है। गौरतलब है कि 2020 में कोरोना महामारी आई। जब साल के अंत तक लगा कि सब ठीक है तो फरवरी-2021 में दूसरी लहर ने दस्तक दी। गौरतलब है कि नवंबर-दिसंबर 2020 में ही पंचायत चुनाव हो जाना चाहिए था, लेकिन कोविड की वजह से नहीं हो सका। जनवरी-2021 में त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था का कार्यकाल समाप्त हो गया। 

जनवरी-2021 में खत्म हो गया था कार्यकाल
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जनवरी 2021 में त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था का कार्यकाल खत्म हो गया। चुनाव नहीं कराया जा सकता था इसलिए इसकी जगह कार्यकारी समिति का गठन किया गया। सरकार को उम्मीद थी कि वो जून-जुलाई में पंचायत चुनाव करा लेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। कोविड की दूसरी लहर जारी थी। सरकार ने भरोसा दिया कि नवंबर-दिसंबर-2021 के बीच चुनाव करवा लिया जायेगा। राज्य निर्वाचन आयोग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी। लगा कि कभी भी तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। तैयारियों को अंतिम रूप दिया ही जा रही था कि इसे कैंसिल कर दिया गया। अब अगले साल ही चुनाव हो पायेगा। 

विधायक लंबोदर महतो ने इस पर पूछा सवाल
बुधवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था। विधायक लंबोदर महतो ने सवाल किया कि क्या राज्य में पंचायत चुनाव कराने को निर्वाचन आयोग ने अपना अनुमोदन सरकार के पास 2 माह पूर्व भेज दिया था। क्या इसे लंबित रखा गया है। क्या लंबित रखे जाने की वजह से ही पंचायत चुनाव नहीं हो पा रहा है। क्या सरकार शीघ्र अनुमोदन के साथ पंचायत चुनाव जल्दी करवाना चाहती है। गौरतलब है कि पंचायती राज विभाग ने माना कि चुनाव आयोग की ओर से तैयारी पूरी थी। उसने 2 महीने पहले अनुमोदन सरकार के पास भेज दिया था। छठ महापर्व के बाद संक्रमण की आसंका के बीच अनुमोदन नहीं किया गया। 

जारी है मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम
गौरतलब है कि राज्य निर्वाचन आयोग के ज्ञापांक संख्या 1323 में 29 नवंबर 2021 को बताया गया था कि सभी जिलों में चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है। पंचायती राज एक्ट के प्रावधानों के मुताबिक इस चुनाव में भी विधानसभा चुनाव के लिए स्वीकृत मतदाता सूची का इस्तेमाल किया जायेगा। मौजूदा समय में मतदाता सूची के पुनरीक्षण का काम जारी है। 5 जनवरी 2022 तक इसका प्रकाशन कर दिया जायेगा। सभी जिलों में इसका प्रकाशन 10 फरवरी 2022 तक कर दिया जायेगा। इसके बाद ही प्रक्रिया आगे बढ़ेगी। 

राज्य में दो बार टाल दिया गया पंचायत चुनाव
गौरतलब है कि राज्य में पंचायत चुनाव को 2 बार टाला जा चुका है। झारखंड बीजेपी के अध्यक्ष दीपक प्रकाश सहित कई अन्य नेता ये आरोप लगाते हैं कि कार्यकारी समिति को 2-2 एक्सटेंशन देना साजिश है। गांव की सरकार जैसा गांव का विकास करेगी वैसे समिति के जरिये करना संभव नहीं है। दीपक प्रकाश ने आरोप लगाया कि समिति के जरिये सरकार ग्रामीण विकास के कार्यों में कमीशन-खोरी और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दे रही है। सरकार को जल्द से जल्द चुनाव करवाना चाहिए। 

विपक्ष ने सरकार पर साजिश का लगाया आरोप
विपक्ष का कहना है कि झारखंड में बीते 2 साल में 3 उपचुनाव हो गये। सरकार ने कोरोना के खतरे के बीच दुमका, गोमिया और मधुपुर में चुनाव करवाये। पड़ोसी राज्य में भी इस दरम्यान विधानसभा और पंचायत का चुनाव हुआ। पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव संपन्न हो गया।