द फॉलोअप टीम, रांची:
भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दल-बदल के मामले में आज सुनवाई हुई। झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में वर्चुअल माध्यम से सुनवाई की गई। इस सुनवाई के बाद प्रिलिमनरी आब्जेक्शन पर न्यायाधिकरण ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
बीजेपी में जेवीएम का विलय न्यायसंगत है
बता दें कि बाबूलाल मरांडी के खिलाफ दलबदल का मामला विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में चल रहा है। सुनवाई के दौरान बाबूलाल मरांडी के अधिवक्ता आरएन सहाय ने कहा कि झारखंड विकास मोर्चा का भारतीय जनता पार्टी में मर्जर न्यायसंगत है। इस पर भारत निर्वाचन आयोग ने भी मुहर लगाई है।
चुनाव आयोग को दल-बदल में फैसला लेने का अधिकार नहीं
प्रीलिमनरी ऑब्जेक्शन पर सुनवाई के दौरान राजकुमार यादव को छोड़कर, विधायक दीपिका सिंह पांडे, प्रदीप यादव, बंधु तिर्की और भूषण तिर्की की ओर से न्यायाधिकरण में जवाब दिये गए। इन लोगों ने कहा कि चुनाव आयोग को दल-बदल मामले में फैसला लेने का अधिकार नहीं है। इस पर बाबूलाल मरांडी की ओर से ऑब्जेक्शन दाखिल किया गया। अधिवक्ता आरएन सहाय ने कहा कि विधायक बंधु तिर्की को जेवीएम ने अनुशासनात्मक कारवाई करते हुए 21 जनवरी 2020 को निकाला गया था, प्रदीप यादव को 06 फरवरी को निष्कासित कर दिया था। 11 फरवरी 2020 को जेवीएम कार्यसमिति की बैठक हुई, जिसमें 142 में से 132 ने भाग लेकर जेवीएम प्रजातांत्रिक का मर्जर बीजेपी में करने का फैसला लिया।
मरांडी के वकील की दलील
जेवीएम के एकमात्र विधायक बचे बाबूलाल मरांडी ने भी इस पर सहमति दी थी जिसके बाद कानूनन सभी विधायकों की सहमति मिल गई। इसकी जानकारी भारत निर्वाचन आयोग को दिया गया और चुनाव आयोग ने इसे सही बताते हुए जेवीएम प्रजातांत्रिक के चुनाव चिन्ह को जब्त कर भाजपा में विलय पर मुहर लगा दी थी। यदि इसे स्पीकर कोर्ट द्वारा अस्वीकार किया जाता है तो 2 संवैधानिक संस्थाओं के बीच टकराव जैसी बात होगी।
मामले में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल
सहाय ने कहा कि इस संबंध में हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल है। यदि न्यायाधिकरण फैसला नहीं कर पाता है तो सर्वसम्मति से हाईकोर्ट में सुनवाई कराकर इस पर आने वाले फैसले को स्वीकार करना चाहिए। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद स्पीकर कोर्ट ने प्रीलिमनरी ऑब्जेक्शन पर फैसला सुरक्षित रखते हुए इस मामले की सुनवाई अगली सुनवाई तक के लिए स्थगित कर दिया है।
किसने कौन सा मामला दर्ज किया
बता दें कि बाबूलाल मरांडी के खिलाफ विधानसभाध्यक्ष के न्यायाधिकरण में चार अलग-अलग केस दर्ज हैं। राजकुमार यादव ने 10 वीं अनुसूची का उल्लंघन करने की शिकायत करते हुए विधानसभा में 16 दिसंबर 2020 को याचिका दाखिल की थी, जिसका कांड संख्या 02/2020 है। उसी तरह भूषण तिर्की द्वारा दाखिल केस नंबर 03/2020 में दीपिका पांडे द्वारा दाखिल केस नंबर 01/2021 और प्रदीप यादव बंधु तिर्की द्वारा दाखिल केस नंबर 02/2021 है। 26 अक्टूबर के बाद आज यानी 10 दिसंबर को एक बार फिर एक साथ चारों केस की हुई सुनवाई हुई।