द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, आजसू, राजद और वाम दलों के नेता आज आदिवासी कल्याण मंत्री चम्पई सोरेन के नेतृत्व में राज्यपाल रमेश बैस से मिले। जनगणना में आदिवासी-जनजातीय लोगों के लिए अलग धर्म कोड की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से आग्रह किया कि आदिवासियों की जीवन शैली, उनकी पूजा पद्धति और उनके हक-अधिकार सब अलग है। इसलिए जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग कोड का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में चंपई सोरेन के अलावा बंधु तिर्की, राजेश कच्छप, वी कोंगारी और लंबोदर महतो शामिल थे।
क्या बोले चंपई और बंधु
मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि आदिवासियों का इतिहास , विरासत, परंपरा और पूजा-पद्धति अलग है। झारखंड विधानसभा से सरना कोड का प्रस्ताव पास कर केंद्र सरकार को भेजा गया है। राज्यपाल का अब दायित्व है कि वो सर्वदलीय नेताओं के आग्रह को केंद्र सरकार और राष्ट्रपति तक पहुंचाएं। बंधु तिर्की बोले कि जब हिन्दू मुस्लिम सिख और ईसाई की अलग धार्मिक पहचान है तो फिर सरना धर्मावलंबियों के लिए ऐसा करने में परेशानी नहीं होनी चाहिए।
भाजपा के नेता नहीं पहुंचे
राज्यपाल से मिलने वालों में भाजपा का कोई नेता शामिल नहीं था। इस बारे में चंपई का कहना रहा कि भाजपा के अध्यक्ष को इसकी सूचना दी गई थी। उनकी पार्टी से किसी के शामिल नहीं होने का जवाब भाजपा के नेता ही दे सकते है।