द फॉलोअप टीम, रांची:
मशहूर मानवाधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के विचार को आम करने की जरूरत पर सामाजिक संगठनों ने बल दिया है। आज नामकुम स्थित उनके आवास सह कार्यालय बगइचा में झारखंड के विभिन्न समाज सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधियों के अलावा राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता एकजुट हुए। स्टेन स्वामी की न्यायिक हिरासत में मृत्यु हो जाने के विरोध में स्मृति, संकल्प एवं प्रतिवाद सभा की। सभा में स्टेन से ज़ुड़े लोगों ने उनको याद किया और अपनी बातों को रखा।
UAPA के गलत इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त
सभा में दयामनी बरला ने कहा कि स्टेन लोंगो के हित में काम करते रहे। उन्होंने भूमि अधिग्रहण बिल, धर्मान्तरण बिल और मॉब लिंचिंग के विरुद्ध मुखर रहे। मेघनाथ ने कहा कि स्टेन ईसा मसीह की तरह लोगो के उत्थान के लिए जिए। स्टेन कहते थे कि हम सब धारा के विपरीत बहने वाले लोग है। बगइचा में रहने वाली सुगिया ने स्टेन से जुड़े संस्मरण साझा किए। कहा कि स्टेन हमेशा झारखंड की प्रकृति और उनके लोगों के बारे में सोचते थे। सभा मे स्टेन के द्वारा जेल में लिखी गईं कविता को पढ़ा गया। इसके अलावा ईसाई युवा संस्था AICUF की युवा साथी अंशु टोप्पो ने स्टेन पर अपनी कविता सुनाई। सबने केंद्र सरकार द्वारा UAPA के गलत इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त की।
ये रहे स्मृति सभा में शामिल
स्मृति सभा मेंJJM के स्टिफ़न मरांडी, डॉ. महुआ माजी, कोंग्रेस विधायक राजेश कच्छप, RJD के राजेश यादव, CPI (ML) शुभेंदु सेन, नदीम खान, CPM प्रकाश विप्लव, CPI अजय सिंह, SUCI मिंटू पासवान, MCC सुशांतो, आदिवासी बुद्धि जीवी मंच प्रेमचंद मुर्मू, फिलमकार मेघनाथ, श्रीप्रकाश, समाजवादी जन परिषद डॉ. चंद्रा भूषण चौधरी, झारखंड जनाधिकार महासभा भारत भूषण चौधरी, आलोका, प्रवीण पीटर, सिराज दत्ता, एलीना होरो, बागाईचा फ़ादर टोनी, सुज्ञा होरो, दयमनी बारला, वसवी किड़ो, ग्लैड्सन डुंगडुंग, कोयल कारो, विजय गुड़िया, PUCL के अरविंद अविनाश और CPI के वशिष्ठ तिवारी आदि शामिल हुए।