द फॉलोअप टीम, रामगढ़ः
रजरप्पा के मां छिन्नमस्तिका मंदिर में प्रतिदिन 150 बकरों की बलि चढ़ाई जाती हैं। अब उन बलि चढ़े बकरों के बेकार हिस्सों का इस्तेमाल बिजली बनाने के लिए किया जाएगा। इसके लिए मंदिर परिसर में एक संयत्र लगाया जाएगा जो एक साल के अंदर काम करने लगेगा। रजरप्पा मंदिर देश-विदेश में एक सिद्धपीठ के रूप में ख्यात है। यहां श्रद्धालु बकरे की बलि चढ़ाते हैं।
कैसे होगा प्रोसेस
बकरे की बलि के साथ बलि चढ़ाने वाले को एक टोकन दिया जाएगा। अर्द्धस्वचालित स्लॉटर हाउस में बलि के बाद बकरे के बेकार हिस्सों को प्लांट में डालकर रोज 23 किलोवॉट बिजली बनाई जाएगी। इससे मंदिर परिसर में लगी स्ट्रीट लाइट जगमग रहेंगी। प्लांट की क्षमता प्रतिदिन 1 टन अपशिष्ट इस्तेमाल करने की होगी। मंदिर से रोज औसतन 900 किलो अपशिष्ट निकलता है।
मिथिनेशन प्लांट बनेगा
बिजली बनाने के लिए मंदिर परिसर में मिथिनेशन प्लांट लगेगा। एक सेमीऑटोमैटिक स्लॉटर हाउस और अरगबत्ती प्रोसेसिंग यूनिट भी लगाई जाएगी। इन तीनों प्रोजेक्ट पर डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट करीब 72 लाख रुपये खर्च करेगा। उपायुक्त माधवी मिश्रा ने कहा कि सरकार मंदिर की सुविधाएं विश्वस्तरीय बनाने में जुटी है। इसी के तहत यहां बकरों की बलि, चढ़ने वाले फूलों के प्रबंधन को लेकर नई व्यवस्था लागू करने की तैयारी है। योजना जल्द जमीन पर होगी।