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Jammu-Kashmir: जम्मू में सैन्य छावनी के ऊपर फिर से दिखा ड्रोन, NIA करेगी मामले की जांच

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द फॉलोअप टीम, श्रीनगर: 

जम्मू कश्मीर में आतंकियों की बौखलाहट साफ देखी जा सकती है। ताजा जानकारी के मुताबिक जम्मू के कालूचक, मिरान साहब और कुंचवनी इलाके में तीन ड्रोन देखे गए हैं। इसे लेकर सुरक्षाबल सतर्क हो गए हैं। इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। ड्रोन हमला के खतरे के मद्देनजर जम्मू के वायुसेना स्टेशन पर सुरक्षा के लिए एंटी ड्रोन सिस्टम और जैमर जैसे अत्याधुनिक उपकरण लगा है। 

जम्मू एयरफोर्स बेस पर हुआ था ड्रोन हमला
गौरतलब है कि अभी हाल ही में जम्मू के वायुसेना एयरबेस के टेक्निकल एरिया में ड्रोन के जरिए विस्फोटक सामग्री गिराई गई थी। ये सिलसिला थमता नहीं दिख रहा। 28 जून को भी जम्मू के कालूचक सैन्य छावनी के ऊपर ड्रोन मंडराता दिखा था। तब सेना के जवानों ने ड्रोन पर फायरिंग भी की थी। कहा जा रहा है कि दोनों ही ड्रोन लापता  हो गए। उनकी अभी भी तलाश जारी है। 

एयरफोर्स बेस पर हमले की जांच NIA को सौंपी
इस बीच जानकारी मिली है कि जम्मू वायुसेना एयरबेस परिसर में ड्रोन हमले की जांच एनआईए ने संभाल ली है। वायुसेना अड्डे पर हवाई हमले की जांच नआई को सौंपने का फैसला गृह मंत्रालय ने लिया था। एंजेसी से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि एनआई जम्मू में विस्फोटक तत्व अधिनियिम, गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम की अनेक धाराओं सहित भारतीय दंड विधान की धारा 307 यानी हत्या का प्रयास और 120बी यानी आपराधिक षड्यंत्र रचने के तहत मामला दर्ज किया गया है। 

मामले में पाकिस्तान की संलिप्तता से इंकार नहीं
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर के नेताओं से पीएम मोदी की वार्ता के बाद से ही आतंकवादियों में बौखलाहट देखी जा रही है। जिस दिन कालूचक सैन्य छावनी में ड्रोन दिखा था उसी दिन वहां एक व्यक्ति के पास से पांच किलो आइईडी जब्त किया गया था। 28 जून को जम्मू कश्मीर के परिमपोरा में सुरक्षाबलों ने लश्कर-ए-तैयबा के दो टॉप कमांडर्स को मार गिराया था। इनमें से एक पाकिस्तानी आतंकी था। इसलिए मामले में पाकिस्तान की संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता।