द फॉलोअप टीम, जमशेदपुर:
दशहरा में मेले-ठेले न हों और लोग गोलगप्पा के चटखारे न लें, असंभव है। लेकिन यही अगर जान पर बन आवें तो क्या कहियेगा। सरायकेला-खरसावां जिले के गोलोकुटुम्ब पचरीकुटुम्ब बड़ा सिजुलता हेंसल और खोखरो गांव से ऐसी ही खबर मिली है। यह गांव राजनगर प्रखंड में पड़ता है। गोलगप्पे खाने से 62 लोग बीमार पड़ गए। रहात की बात है कि 39 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिए गये हैं। लेकिन बाकी अभी भी इलाजरत हैं।
बच्चे, बूढ़े और महिला भी पीड़ित
फूड पॉइजनिंग के शिकार लोगों में बच्चे, बूढ़े और महिला भी शामिल हैं। सभी लोगों को बीते गुरुवार रात से अचानक उल्टी और दस्त होना शुरू हुआ। जिसके बाद स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दी। जानकारी मिलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉक्टर जगन्नाथ हेम्ब्रम तुरंत हरकत में आये और उन्होंने मरीजों को लाने के लिए गांव में एम्बुलेंस भेजा। वहीं कई मरीजों को स्थानीय लोगों के द्वारा वाहन की व्यवस्था कर अस्पताल भेजा गया। इसके अलावे पुलिस वहान से भी मरीजों को अस्पताल लाया गया। कुछ मरीजों को गोलोकुटुम्ब स्थित पीएचसी में रखा गया। बाकी मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र राजनगर में भर्ती कराया गया।
मरीजों से भर गया अस्पताल का बेड
दोनों ही जगह पीड़ित मरीजों से बेड भर गया है। मरीजों को लाते ही उनका इलाज शुरू कर दिया गया। रात में ही मरीजों को सलाईन चढ़या गया। दवाएं खिलाई गईं। सभी मरीज स्वास्थ्य हो रहे हैं। इधर शनिवार को खोखरो गांव के एक ही परिवार के पांच लोगों को सीएचसी में भर्ती कराया गया। परिवार के मुखिया ने बताया कि उसने सिजुलता में गोलगप्पा खाया था और पत्नी और बच्चों के लिए भी गोलगप्पा लेकर आया था। जिसे खाकर उल्टी और दस्त शुरू हुआ। शनिवार को सीएचसी में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर एसएम देमता ने मरीजों का चेकअप किया। मरीजों को इन्जेक्शन और आवश्यक दवा दी गई। डॉक्टर देमता ने भी कहा कि सभी मरीज फूड पॉइजनिंग के शिकार हुए हैं। स्थिति सामान्य है। आवश्यक दवाओं के साथ मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। शुक्रवार को दस लोगों डिसचार्ज किया गया था। दूसरे दिन सिजुलता के एक महिला मरीज पूनम महाकुड़ को एमजीएम रेफर कर दिया गया। उनकी उल्टी नहीं रुक रही थी।
मेडिकल टीम ने किया गांव का दौरा
सीएस डॉ. विजय कुमार ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर जगन्नाथ हेम्ब्रम के साथ गोलोकुटुम्ब, पचरीकुटुम्ब और बड़ा सिजुलता गांव का दौरा किया। लोगों से पूछताछ कर जानकारी हासिल की। सीएस विजय कुमार ने बताया कि फूड पॉइजनिंग के वजह से लोग बीमार हुए हैं। कई लोग गोलगप्पा खाए थे। शायद ज्यादा खट्टा वाली इमली पानी पीने से दस्त और उल्टी के शिकार हुए हों या गंदा पानी का सेवन किये हों। अस्पताल में भर्ती मरीजों ने भी बताया है कि वे लोग गोलगप्पा खाकर ही उन्हें दस्त और उल्टी की शिकायत शुरू हुई। गांव से सभी पीड़ित मरीजों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। स्थिति नियंत्रण में है। चिंता की कोई बात नहीं। सीएस ने ग्रामीणों को आवश्यक एहतियात बरतने की अपील की। लोगों को गर्म पानी पीने और स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने की बात कही। स्वास्थ्य होने तक किसी हाल में मरीजों बाहर का कुछ भी खाना न खाने को कहा है। उन्होंने उपायुक्त को भी मौके से सारी वस्तुस्थिति से अवगत कराया।
सात का अब भी चल रहा इलाज
सीएचसी राजनगर में अब 23 मरीज इलाजरत हैं। कुल 62 भर्ती थे। शनिवार को कुल 39 डिस्चार्ज हुए हैं। पीएचसी बिकुटुम्ब में 9 एडमिट थे, जिसमें 2 डिसचार्ज हुए हैं। सात अब भी इलाजरत हैं।