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विसतृत रिपोर्ट : मुख्यमंत्री ने की शिक्षा विभाग की समीक्षा, क्या भरे जाएंगे विश्वविद्यालयों के रिक्त पद

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द फॉलोअप टीम, रांची

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने शुक्रवार को उच्च एवं तकनीकी शिक्षा निभाग की समीक्षा की। उन्हेंने कहा कि उच्च एवं तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा प्राप्त करें विद्यार्थियों को बेहतर से बेहतर शिक्षा और सुविधाएं उपलब्ध हो इसके लिए सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। राज्य में स्थापित उच्च एवं तकनीकी शिक्षण संस्थानों को मजबूत करने की दिशा में राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। उक्त बातें हैं मुख्यमंत्री ने आज झारखण्ड मंत्रालय में उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा करते हुए कहीं।


रिक्त पदों पर नियुक्तियों का दिया निर्देश

बैठक में विभाग के विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि रांची विश्वविद्यालय, डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय, रांची, कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय, जमशेदपुर, विनोबा भावे विश्वविद्यालय हजारीबाग, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय धनबाद, नीलांबर-पीतांबर विश्वविद्यालय पलामू और सिदो-कान्हू विश्वविद्यालय दुमका में कुल 3732 पद स्वीकृत हैं। इसमें 2030 पद रिक्त हैं। उन्होंने बताया कि कुल 2030 शिक्षकों के रिक्त पदों के विरुद्ध 1350 पदों की नियुक्ति झारखंड लोक सेवा आयोग द्वारा प्रक्रियाधीन है। उन्होंने बताया कि इससे पहले 2008 में विश्वविद्यालयों में शिक्षकों के पदों पर जेपीएससी के माध्यम से बहाली हुई थी। वर्तमान में इन पदों पर नियुक्ति के लिए बेहतर विकल्प पर भी विचार-विमर्श किया। बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष विभाग के प्रधान सचिव ने बताया कि शिक्षकों के रिक्त पदों को भरने का कार्य प्रगति पर है। दिसंबर तक रोस्टर क्लियर कर जनवरी में अधियाचना में निश्चित रूप से जेपीएससी को भेज दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नियुक्ति से संबंधित सभी मामलों को ससमय पूरा करें।



पॉलिटेक्निक कॉलेजों का सुचारू रूप से संचालन सुनिश्चित करें

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले में पॉलिटेक्निक कॉलेज पहले से हैं। इन कॉलेजों का संचालन सुचारू रूप से हो, यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है। तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत बीआईटी सिंदरी को उच्च कोटि के राष्ट्रस्तरीय तकनीकी संस्थान के रुप में विकसित करें। राजकीय प़ॉलिटेक्निक शिक्षण संस्थानों को मजबूत बनाएं। नवनिर्मित व निर्माणाधीन अभियंत्रण महाविद्यालयों तथा पॉलिटेक्निक संस्थान को मल्टी डिसीप्लनरी संस्थान के रुप में विकसित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में वर्तमान समय में 8 नए पॉलिटेक्निक कॉलेज बनकर तैयार हैं। इन कॉलेजों में वर्ष 2021 में नामांकन की प्रक्रिया शुरू कर पठन-पाठन का कार्य सुनिश्चित कराएं। बैठक में जानकारी दी गई कि वर्तमान समय में राज्य के विभिन्न न 17 जिलों में पॉलिटेक्निक कॉलेज पहले से स्थापित है। 8 नवनिर्मित पॉलिटेक्निक कॉलेजों का पठन-पाठन कार्य वर्ष 2021 के मार्च महीने तक कराया जा सकता है। अब राज्य में कुल 25 पॉलिटेक्निक कॉलेज हो जाएंगे।


बीआईटी सिंदरी इंजीनियरिंग कॉलेज को आईआईटी के अनुरूप में विकसित करें

मुख्यमंत्री के समक्ष बैठक में जानकारी दी गई कि बीआईटी सिंदरी इंजीनियरिंग कॉलेज के अंतर्गत 450 एकड़ जमीन है। मुख्यमंत्री ने सिंदरी इंजीनियरिंग कॉलेज को आईआईटी के अनुरूप विकसित करने का निर्देश विभागीय पदाधिकारियों को दिया। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राज्य में नवनिर्मित अभियंत्रण महाविद्यालयों और पॉलीटेक्निक संस्थानों को मल्टी डिसीप्लनरी संस्थान के रुप में विकसित किया जाए, ताकि इन भवनों का ज्यादा से ज्यादा और बेहतर इस्तेमाल हो सके।


प्रमंडल मुख्यालयों में अतिरिक्त महिला कॉलेज स्थापित करें

हेमंत सोरेन ने विभागीय पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि जिलों के साथ-साथ प्रमंडल मुख्यालयों में भी अतिरिक्त महिला कॉलेज स्थापित करें। उन्होंने कहा कि प्रमंडल मुख्यालयों में अतिरिक्त महिला कॉलेज स्थापित होने से छात्राओं को डिग्री लेने का बेहतर अवसर प्राप्त होगा।

 

नई योजनाओं की स्वीकृति तथा उनके कार्यालय के स्थिति पर हुई चर्चा

मुख्यमंत्री के समक्ष उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव ने जानकारी दी कि विभाग द्वारा राज्य में खुला विश्वविद्यालय, जनजातीय विश्वविद्यालय, झारखंड एजुकेशन ग्रिड एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। सचिव ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि राज्य में कोई खुला विश्वविद्यालय कार्यरत नहीं है, जिसके कारण राज्य के सकल नामांकन अनुपात में वृद्धि नहीं हो पा रही है। राज्य के विद्यार्थियों को पड़ोसी राज्य बिहार में स्थापित नालंदा खुला विश्वविद्यालय में अध्ययन करने के लिए विवश होना पड़ता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड ओपन यूनिवर्सिटी की स्थापना होने से आर्थिक दृष्टिकोण से पिछड़े लोग जो सुदूर नगरों और महानगरों में जाकर अध्ययन नहीं कर सकते हैं, उन्हें सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि रोजगार परक शिक्षा उपलब्ध कराने के साथ ही उनके सांस्कृतिक चारित्र, मानसिक एवं संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास में उन्नति होगी। महिलाओं, दिव्यांग एवं सेवारत व्यक्तियों के लिए विशेष पाठ्यक्रम की व्यवस्था होने से इन्हें समाज के अग्रणी पंक्ति में खड़े होने का अवसर प्राप्त होगा।


जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना अच्छी पहल

बैठक में मुख्यमंत्री ने जनजातीय विश्वविद्यालय की स्थापना की विस्तृत जानकारी ली तथा कार्य प्रगति को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनजातीय समुदाय के कला-संस्कृति के प्रचार-प्रसार उनके प्राचीन औषधीय ज्ञान, भाषा, लिपि, रहन-सहन, परंपरा आदि के संरक्षण एवं विकास, शोध तथा अन्य परंपरागत एवं आधुनिक विषयों के प्रचार-प्रसार आदि के लिए जनजाति विश्वविद्यालय स्थापित होना अच्छी पहल है। विभागीय सचिव ने मुख्यमंत्री के समक्ष झारखंड एजुकेशन ग्रेड एवं डिजिटल प्लेटफॉर्म की विस्तृत जानकारी रखी।


जमशेदपुर विमेंस कॉलेज के कार्य प्रगति की जानकारी दी गई

विभागीय प्रधान सचिव ने मुख्यमंत्री के समक्ष जमशेदपुर विमेंस कॉलेज को यूनिवर्सिटी का दर्जा दिए जाने से संबंधित जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के अंतर्गत 500 सीट का हॉस्टल भी बनाया जा रहा है। यह कॉलेज राज्य में उच्च शिक्षा हेतु अध्ययनरत छात्राओं के विकास हेतु स्थापित किया गया है।

बैठक में राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव शैलेश कुमार सिंह, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के निदेशक ए मुथुकुमार सहित संबंधित विभाग के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे>