द फॉलोअप टीम, रांचीः
झारखंड के पलामू में पुलिस सब इंस्पेक्टर लालजी यादव ने 11 जनवरी को आत्महत्या कर ली थी। नावाबाजार थाना के वह प्रभारी रहे थे। घटना के चार दिन पहले ही उनको सस्पेंड करते हुए लाइन हाजिर कर दिया गया था। साहेबगंज के रहने वाले लालजी यादव 2012 बैच के एसआई थे। परिवार में उनकी पत्नी समेत 4 साल का एक मासूम बेटा है।केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी, प्रदेश भजपा महामंत्री बालमुकुन्द सहाय, पूर्व मंत्री व कोडरमा विधायक नीरा यादव, पूर्व विधायक मनोज यादव के साथ परिजन आज राजभवन पहुंचे। राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर मामलेरि की सीबीआई जांच की मांग की है।
क्या कहा अन्नपूर्णा देवी ने
केंद्रीय राज्य मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि झारखंड राज्य पूरी तरह से जंगल राज में प्रवेश कर चुका है। हत्या,लूट,बलात्कार,अवैध उत्खनन,बढ़ते नक्सलवाद ,खनिजों की तस्करी से सम्बंधित खबरें मीडिया की दैनिक सुर्खियां हैं। यह सरकार ही केवल गठबंधन से नही बनी है बल्कि इस सरकार ने अपने गठन के साथ ही राज्य में एक गठबंधन को जन्म दिया है-वह है अपराधी-माफिया-प्रशासन गठबंधन,जिसे सत्तापक्ष का संरक्षण प्राप्त है। अपराधियों द्वारा गढ़वा में एक आईएएस अधिकारी को कुचल कर मार देने की कोशिश हो,या जज की हत्या,पिछले वर्ष होनहार दारोगा और आदिवासी बेटी रूपा तिर्की की हत्या,सभी इसी अनैतिक गठजोड़ की परिणति हैं।
संजू प्रधान समेत कई मामला उठाया
विगत दिनों संजू प्रधान को जिंदा जलाकर मारना, कुछ दिन बाद फिर उसी थाना क्षेत्र में एक महिला को जला देना,पूर्व विधायक पर नक्सली हमला, उनके दो अंगरक्षकों की हत्या,जेल में अपराधियों का ऐशो आराम राज्य में बढ़ते अपराध की कहानी बयां कर रहे। ऐसे में पलामू जिलान्तर्गत नावा बाजार थाना में पदस्थापित दरोगा स्व लालजी यादव की विगत 11 जनवरी को हुई तथाकथित आत्महत्या की घटना ने फिर से अनैतिक गठजोड़ के कारनामो को उजागर किया है। स्व यादव एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ पुलिस अधिकारी थे जिन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की हरसंभव कोशिश की। उनके थाना क्षेत्र में अवैध उत्खनन में डीटीओ द्वारा वाहनों से हो रही अवैध वसूली को उन्होंने रोकने की कोशिश की। ऐसे में उन्हें प्रशासनिक दबाव में निलंबित करना राज्य सरकार की कार्यशैली को उजागर करता है। पिछले 25 मई को NH98में अपराधियों द्वारा अपहृत व्यक्ति से बड़ी फिरौती की मांग फिर व्यक्ति की हत्या के प्रसंग में भी कई पदाधिकारी संदिग्ध है।
पलामू एसपी समेत तीन पर प्राथमिकी
इधर, मामले में पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा, एसडीपीओ सुरजीत कुमार और जिला परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन पर जिरवाबाड़ा ओपी में जीरो प्राथमिकी दर्ज की गई है। दरोगा की पत्नी पूजा कुमारी की शिकायत पर ऐसा हुआ है। शिकायत में लिखा है कि पलामू एसपी चंदन कुमार सिन्हा, एसडीपीओ सुरजीत कुमार और जिला परिवहन पदाधिकारी अनवर हुसैन मेरे पति की हत्या के जिम्म़दार है।
2 साल से नहीं हुआ था वेतन का भुगतान
बता दें कि दरोगा लालजी यादव को 2 साल से अधिक अरसे से उन्हे वेतन नहीं मिला था। जानकारी के मुताबिक बुढ़मू थाने में अक्टूबर 2019 तक लालजी यादव थानेदार के तौर पर पोस्टेड थे। इस दौरान थाना के माल खाना का चार्ज उनके पास ही रह गया था जबकि उनका तबादला पलामू जिला में कर दिया गया था। ऐसे में रांची जिला से एलपीसी यानी लास्ट पर सर्टिफिकेट जारी नहीं हो पाया था।