द फॉलोअप टीम, रांचीः
साल 2021 गुजर गया लेकिन अब तक पंचायत चुनाव की तारीख की घोषणा नहीं हुई। पंचायत चुनाव को लेकर विपक्ष लगातार सरकार को निशाने पर ले रहा है। भाजपा विधायक सीपी सिंह ने पंचायतों का चुनाव नहीं कराने के पीछे सरकार पर बड़े पैमाने पर पैसे की उगाही करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि मुखिया को एक्सटेंशन देने के नाम पर हर मुखिया से 10 से 15 हजार लिए गए हैं। इस तरह से करीब 40 करोड़ की उगाही की गयी है।
आलमगीर आलम का पलटवार
सीपी सिंह के आरोप पर ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री आलमगीर आलम ने कहा है कि जो इस वक्त मुखिया के पद पर हैं वे भाजपा की सरकार में चुनकर आएं हैं। क्या भाजपा ऐसा करती रही है। आलमगीर आलम ने कहा है कि इसी वित्तीय वर्ष में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होगी। झारखंड में पंचायत चुनाव भारत निर्वाचन आयोग ने 5 जनवरी को जारी होने वाले नये वोटर लिस्ट के आधार पर होगा। इसका यह फायदा यह होगा कि 1 जनवरी 2022 को जो 18 वर्ष पूरे कर रहे हैं वह भी मतदान कर सकेंगे । राज्य निर्वाचन आयोग, भारत निर्वाचन आयोग के नये मतदाता सूची को ही आधार मानकर पंचायत चुनाव के लिए मतदाता सूची बनायेगी। ये होने के बाद कोरोना संक्रमण को देखते हुए पंचायत चुनाव कराया जाएगा।
पिछले साल भी नहीं हुआ था चुनाव
गौरतलब है कि पंचायत चुनाव दिसंबर 2020 में ही होना था लेकिन राज्य निर्वाचन आयुक्त का पद खाली होने की वजह से चुनाव नहीं हो सका था, उसके बाद कोरोना आ गया था, जिस वजह से चुनाव नहीं हो सका। तब तक सरकार वर्तमान मुखियाओं को एक्सटेंशन देकर काम चला रही है। फिलहाल झारखंड में 32660 गांव हैं। जिसके सभी मुखियाओं का कार्यकाल दिसंबर 2020 में ही समाप्त हो चुका है।
राज्य सरकार नहीं दे रही हरी झंडी
राज्य सरकार की हरी झंडी नहीं देने के कारण राज्य निर्वाचन आयोग की परेशानी बढ गई है। अगर 15 जनवरी तक राज्य सरकार की अनुमति नहीं मिलती है तो भारत निर्वाचन आयोग नये वोटर लिस्ट का प्रकाशन होते ही राज्य निर्वाचन आयोग को नये वोटर लिस्ट के आधार पर मतदाता सूची का विखंडन करना होगा जिसकी प्रक्रिया पूरी करने में वक्त लगेगा।