द फॉलोअप टीम, कोलकाता:
पश्चिम बंगाल में जारी सियासी बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। बंगाल विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से ही राज्य में बीजेपी और टीएमसी के बीच सियासी खींचतान जारी है। ताजा मामला पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच आयोजित एक बैठक से जुड़ा है।
30 मिनट की देरी से पहुंची थीं ममता बनर्जी
मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार को केंद्र सरकार ने यास चक्रवाती तूफान को लेकर एक समीक्षा बैठक बुलाई थी। इस बैठक में चक्रवाती तूफान यास की वजह से बंगाल में हुए नुकसान की समीक्षा की जानी थी। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य के मुख्य सचिव सहित तमाम टॉप ब्यूरोक्रेट को शामिल होना था लेकिन, ममता बनर्जी तय वक्त पर मीटिंग में नहीं पहुंची। यही नहीं, राज्य के मुख्य सचिव ने भी तय वक्त पर मीटिंग में हिस्सा नहीं लिया।
केंद्र ने शीर्ष अधिकारियों को दिल्ली तलब किया
इस वाकये के बाद केंद्र सरकार ने बंगाल के मुख्य सचिव सहित तमाम शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों को दिल्ली तलब किया। अब ममता बनर्जी ने इसे अपना अपना बताया है। ममता बनर्जी ने कहा कि इस तरह से मेरी बेइज्जती मत कीजिए। हमने भारी बहुमत से जीत हासिल की है। क्या यही वजह है कि आप हमसे ऐसा व्यवहार करते हैं। आपने कोशिश की लेकिन हार गए लेकिन हर रोज को झगड़ा क्यों। इस बीच ममता बनर्जी ने केंद्र द्वारा बुलाई बैठक को छोड़ने पर भी सफाई दी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोपों पर दी अपनी सफाई
केंद्र द्वारा बुलाई गई बैठक को छोड़ने के आरोपों पर ममता बनर्जी ने कहा कि यास साइक्लोन से प्रभावित इलाकों में उनका दौरा पहले से ही तय था। सभी प्लान तय थे। तैयारी हो चुकी थी। अचानक कॉल आता है कि प्रधानमंत्री मोदी पश्चिम बंगाल का दौरा करना चाहते हैं। साइक्लोन की वजह से पैदा हुए हालात की समीक्षा करना चाहते हैं। इस बारे में एक समीक्षा मीटिंग की भी बात की गई। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया है कि ये बैठक केवल राजनीतिक कारणों से बुलाई गई है।