द फॉलोअप टीम, रांची
कोरोना के बीच बिना किसा दिशा निर्देश के ही छठ महापर्व के आयोजन की तैयारी शुरू हो गई है। महापर्व पूजा में अब मात्र 10 दिन ही बचे हैं लेकिन इसके बावजूद भी सरकार की ओर से अब तक कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है। ना ही प्रशासन कुछ बोलने को तैयार है। ऐसे में प्रशासन भी कुछ बोलने को तैयार नहीं। प्रशासन की इस चुप्पी को देखते हुए 27 छठ पूजा समितियों ने अपने स्तर से महापर्व छठ पूजा को आयोजन करने का निर्णय लिया है। रविवार को विभिन्न छठ पूजा समिति के पदाधिकारियों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी रांची के सभी 42 घाटो पर छठ पूजा होगी। इस बार भी व्रतियों का स्वागत किया जाएगा।
सोशल डिस्टेंसिंग के साथ होगा महापर्व छठ
इसमें उपस्थित 10 पूजा समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि प्रशासन की वजह से अभी तक असमंजस की स्थिति बनी हुई है। स्टूडेंट्स फेडरेशन बड़ा तालाब छठ पूजा समिति के संरक्षक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि सभी घाटों पर सजावट की जाएगी। व्रतियों का स्वागत किया जाएगा और सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर अर्घ्य देने की अपील की जाएगी। बैठक में जोड़ा तालाब के प्रकाश चंद्रा सिन्हा, हटनिया तालाब के रोहित सिंह, करमटोली तालाब से जय सिंह आदि मौजूद थे।
संक्रमण रोकना.. प्रशासन की चुनौती
एक तरफ जहां छठ मैया के प्रति अटूट आस्था है तो दूसरी तरफ कोरोनावायरस का भी डर है। ऐसे में प्रशासन के सामने यह बहुत बड़ी चुनौती है कि वह कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कैसे रुकेगी,इसके लिए क्या गाइडलाइन बनाएगी।
प्रशासन की चुनौती...
1. नदी-तालाबों में अर्घ्य देने व पटाखे के कारण संक्रमण बढ़ सकता है
2. अस्पतालों में बेड सीमित हैं। मरीज बढ़े तो व्यवस्था मुश्किल होगी
3. महाराष्ट्र में गणेश उत्सव बाद कोरोना बढ़ा था। 8 राज्यों में संक्रमण बढ़ रहा है
पटाखे व भीड़ से खतरा...
1. 1 लाख संक्रमितों में से 98000 ठीक हुए। भीड़ से दोबारा संक्रमण हो सकता है
2. पटाखों के धुएं से फेफड़े का संक्रमण तेजी से फैल सकता है
3. बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं, जो बीमार हैं लेकिन कोराना का टेस्ट नहीं करा रहे
व्रती कोरोना से बचाव का रखें ध्यान...
ठंड बढ़ने से वातावरण में नमी रहेगी। नमी वायरल इंफेक्शन को बढ़ावा देती है। ऐसे में कोरोना का वायरस सबसे ज्यादा लोगों की सेहत पर प्रभाव डालेगा। वहीं पर्व की वजह से भीड़ अधिक होगी यानी लोग एक-दूसरे के नजदीक आएंगे। इसके कारण वायरस का आसानी से एक से दूसरे व्यक्तियों में फैलाव होगा। इसके अलावा पानी को संक्रमण फैलाव का माध्यम माना जाता है। ऐसी स्थिति में छठ के दौरान ज्यादा देर तक नदी या तालाब के पानी में खड़ा रहना खतरनाक हो सकता है। इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है। फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है।
पटाखे के धुएं से हार्ट व फेफड़े को नुकसान
रिम्स मेडिसीन विभाग के डॉ. संजय सिंह का कहना है कि दीपावली में पटाखा फोड़ने से प्रदूषण बढ़ेगा। जो लोगों के फेफड़े, हार्ट को नुकसान पहुंचाएगा। इसकी वजह से कोरोना संक्रमित के साथ-साथ इससे ठीक हो चुके लोग की स्थिति गंभीर हो सकती है।