द फॉलोअप टीम, चंदनकियारी:
क्या वेदांता जैसे कॉरपोरेट घराने झारखंड में सरकार चला रहे हैं। क्या हेमंत सोरेन ने खुद कॉर्पोरेट घराने को यह अधिकार दे रखा है कि वह विपक्षी दलों के विधायकों को सम्मान ना दें? क्या यह सरकार बताएगी कि आखिर किस आधार पर वेदांता के 100 बेड वाले अस्पताल के उद्घाटन में चंदनकियारी विधायक अमर कुमार बाउरी को ना तो सूचना दी गयी और ना ही उन्हें आमंत्रण भेजा गया? जबकि वेदांता इलेक्ट्रोस्टील चंदनकियारी विधानसभा क्षेत्र की धरती से ही संचालित हो रही है। यह कुछ सवाल थे जो चंदनकियारी विधायक व पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने मीडिया के माध्यम से सरकार और वेदांता इलेक्ट्रोस्टील के अधिकारियों से आज पूछा है।
धरने पर बैठ गए पूर्व मंत्री
उक्त सवाल उन्होंने मंगलवार को वेदांता इलेक्ट्रोस्टील और जिला प्रशासन के साथ जन प्रतिनिधियों के साथ कोविड-19 के तीसरी लहर से बचने और उसकी तैयारियों को लेकर आयोजित एक बैठक के दौरान पूछे। उससे पहले वो नाराज़गी में धरने पर बैठ गए थे। वेदांता के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि सारी चीजें ऊपर के अधिकारियों और राज्य सरकार से आदेशित थी। काफी शोरगुल के बाद आखिरकार चंदनकियारी विधायक की मांग पर राज्य के मुख्य सचिव ने उन से टेलीफोन पर बात की। मुख्य सचिव ने कहा कि इस बारे में मुख्य सचिव स्तर पर उन्हें कोई भी सूचना उपलब्ध नहीं है। इस मामले पर उन्होंने आश्वासन दिया कि वे मुख्यमंत्री से इस बारे में बात कर उचित कार्रवाई करेंगे।
मुख्य सचिव से बातचीत के बाद माने बाउरी
चंदनकियारी विधायक ने मांग की कि जो भी अधिकारी या जिला प्रशासन के अधिकारी या वेदांता के अधिकारी इस कार्य में संलिप्त हैं उनके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाए। आखिर यह मामला एक जनप्रतिनिधि के सम्मान का है। मुख्य सचिव से बात करने के बाद चंदनकियारी विधायक ने कोविड-19 के तीसरे चरण की तैयारी को लेकर आयोजित बैठक में भाग लिया। बिजली के मामले पर उन्होंने कहा कि अधिकारियों और कंपनी ने 7 दिन का समय मांगा है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि इन 7 दिनों में बिजली की लचर व्यवस्था को दुरुस्त कर लिया जाएगा।
वेदांता के खिलाफ हो कार्रवाई
वहीं विधायक अमर कुमार बाउरी कहा कि मुख्यमंत्री ने वेदांता इलेक्ट्रोस्टील के खिलाफ सदन के अंदर खड़े होकर यह कहा है कि वेदांता के द्वारा हाल में ही आयोजित की गई जन सुनवाई गलत थी और उसके ऊपर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि यदि राज्य सरकार वेदांता के जनसुनवाई के खिलाफ कार्रवाई नही करती है तो आने वाले दिनों में (कोविड-19 थमने के बाद) सड़क से लेकर सदन तक यह लड़ाई लड़ी जाएगी। चंदनकियारी के लोगों के हक और अधिकार के लिए अमर कुमार बाउरी चट्टान की तरह खड़े है। फिर चाहे इसके लिए उन्हें कोई भी कीमत चुकानी पड़े वे पीछे नही हटेंगे।