द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
कोरोना से हुई मौत पर 4 लाख का मुआवजा देने से केंद्र सरकार ने एक बार फिर इंकार कर दिया है। पिछली बार केंद्र ने कहा था कि अगर 4 लाख का मुआवजा दिया गया तो फंड की कमी हो जाएगी लेकिन इस बार केंद्र ने दूसरा तर्क दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट में दूसरा हलफनामा दाखिल कर केंद्र ने बताया है कि पैसे की कमी नहीं है, लेकिन फिर भी मुआवजा नहीं दे सकते।
पैसे की कमी नहीं बल्कि मुद्दा इसका है!
केंद्र ने तर्क दिया है "मुद्दा पैसे का नहीं है, बल्कि सरकार के खजाने और बाकी सभी संसाधनों के तर्कसंगत और विवेकपूर्ण इस्तेमाल का है."। शनिवार को दूसरा केंद्र ने दाखिल किया। इससे पहले 19 जून को पहला हलफनामा आया था। जानकारी के मुताबिक कई पीड़ित परिवारों और विपक्ष ने भी मांग की थी कि कोरोना में जान गंवाने वाले व्यक्ति के आश्रितों को मुआवजा मिलना चाहिअ।
प्राकृतिक आपदा में नहीं आता कोरोना!
39 पन्नों के हलफनामे में केंद्र ने बताया है कि कोरोना महामारी पहली बार आई है। इसमें एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का फंड ही नहीं, बल्कि सरकार के कंसोलिडिटेड फंड का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। 2015 से 2020 के बीच 12 खास प्राकृतिक आपदाओं पर राहत के लिए खर्च की सिफारिश है। जिसमे भूकंप, बाढ़ सूखा, तूफान, सुनामी, भूस्खलन, बादल फटना जैसी आपदाएं शामिल हैं, लेकिन कोरोना नहीं है। केंद्र ने ये भी बताया कि अभी तक किसी भी राज्य या केंद्र शासित प्रदेश ने एसडीआरएफ से कोविड पीड़ितों को कोई मुआवजा नहीं दिया है।
केंद्र ने मुआवजा देने से साफ मना किया
इस हलफनामे से यह साफ़ हो गया है कि केंद्र कोरोना से हुई मौत पर मुआवजे पर साफ़ तौर से इंकार कर रही है। पहले 19 जून को फंड की कमी बताकर इंकार किया गया था। अब नया तर्क देकर। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया हलफनामा कहा, कोविड से मौत पर मुआवजे का प्रावधान नहीं' सरकार ने कहा, "मुद्दा पैसे का नहीं है, बल्कि सरकार के खजाने और बाकी सभी संसाधनों के तर्कसंगत और विवेकपूर्ण इस्तेमाल का है."।