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हाय रे बियाह! फेरों से ठीक पहले दुल्हन ने की ऐसी हरकत, दूल्हे ने माथा पीट लिया

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द फॉलोअप टीम :
भारत में कोई शादी हो और वहां कोई तमाशा या बखेड़ा ना खडा हो ऐसा कैसे हो सकता है। अधिकांश शादियों में कोई ना कोई बवाल जरूर होता है। कुछ बवाल हंसी की वजह बन जाते हैं तो कुछ बवाल चर्चा का विषय बन जाता हैा। ऐसा ही एक वायका बिहार के बेतिया जिले में हुआ। यहां एक दुल्हन फेरों से ठीक पहले मंडप छोड़कर भाग गयी। किसी प्रेमी के साथ। जी नहीं! दरअसल, दुल्हन को दूल्हा पंसद नहीं आया। 

बिहार के बेतिया जिले का है पूरा मामला
मामला बिहार के बेतिया जिले का है। बेतिया जिला के नौतना थाना इलाका स्थित संकहिया माई स्थान में बगही मुशही टोला के युवक की शादी तध्वानंदपुर गांव की लड़की के साथ होनी थी। शादी के लिए संकहिया माई स्थान निर्धारित किया गया था। वधु पक्ष के लोग पूरी तैयारी के साथ वहां पहुंच चुके थे। दूल्हे का इंतजार किया जा रहा था। तय वक्त पर दूल्हा भी बारातियों सहित गाजे-बाजे के साथ पहुंचा। वर पक्ष ने वधू पक्ष का धूमधाम से स्वागत किया। अब बारी आई मंडप में विवाह के रश्म निभाने की। जैसे ही दूल्हा मंडप पर पहुंचा पूरा मामला बिगड़ गया। 

दुल्हन ने शादी से ही इंकार कर दिया
मंडप में बैठी दुल्हन, दूल्हे को देखते ही उठ खड़ी हुई। कहा मै इस लड़के से शादी नहीं करूंगी। लोगों ने पूछा कि भई माजरा क्या है। दूल्हन ने कहा कि जिस लड़के की तस्वीर उसे व्हाट्सएप में दिखाई गयी थी, ये वो लड़का नहीं है। दूल्हन के मुताबिक उसे गलत लड़के से शादी करवाई जा रही थी। दूल्हन ने शादी से इंकार किया तो मंडप में हड़कंप मच गया। दुल्हन को मनाने की कोशिश की गयी लेकिन, लड़की जिद्द पर अड़ी रही। 
इस बीच समझाने का दौर खत्म हुआ। वर और वधू पक्ष में मारपीट शुरू हो गयी। जहां फेरे पड़ने थे वहां लात घूंसे बरसने लगे। जमकर मारपीट हुई। इधर हंगामे के बीच दुल्हन मंडप से भाग निकली। माहौल और भी ज्यादा बिगड़ गया। पूरा मंडप रणक्षेत्र बन गया। बाद में पुलिस के आने पर लोग शांत हुये। 

भारतीय शादी में तमाशा तो बनता है ना
भारतीय शादियों में तमाशा और बवाल आम बात है। मामा, फूफा, मौसा और दूल्हे के रूठने का तो जैसे रिवाज है। ये लोग किसी भी बात पर रूठ सकते हैं। मसलन, खाने के प्लेट में पनीर कम था। मौसा को फूफा से ज्यादा बढ़िया सूट दिया गया। मौसा से पहले दूल्हे के पापा ने खाना खा लिया। दूल्हा रूठ सकता है कि उसे सबसे कीमती वाले सोफे में नहीं बिठाया गया। साली ने कम भाव दिया। उसे कुछ मिनट गाड़ी में इंतजार करना पड़ा। 

जनवासे तक रिसीव करने दुल्हन का बाप नहीं आया। ये बातें होती रहती हैं, लेकिन बेतिया में जो हुआ वो थोड़ा अलग है। क्या दिक्कत है दुल्हन और दूल्हे को शादी से पहले एक बार मिलवा देने में। इतना बखेड़ा ही खड़ा नहीं होगा। अब बेतिया वाले मामले में व्हाट्सएप की जगह आमने-सामने बतिया लेते तो क्या जाता।