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बिहार को मिल गया कोरोना को काबू करने का फॉर्मूला, 10 दिन पहले ही लक्ष्य किया पूरा, तेजी से सुधर रहे हालात

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द फॉलोअप टीम, पटना
एक वक्त था जब कोरोना के मामले में बिहार में हालात बेकाबू हो गए थे। जिस तरह से लगातार संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ रहा था, उसे देखकर लग रहा था कि सरकार और स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से फेल हो गया है। अस्पतालों में बिस्तर के लिए मारामारी थी। जांच के लिए पैरवी लगानी पड़ रही थी। कुल मिलाकर हर तरफ हाहाकार की स्थिति थी। सिस्टम नाम की कोई चीज दिख ही नहीं रही थी, लेकिन अब ऐसा नहीं है। जी हां, बिहार को ऐसा मंत्र मिल गया है, जिसे अपनाकर अब सरकार और स्वास्थ्य महकमा सही दिशा में काम कर रहा है। इसका सुखद परिणाम भी सामने आ रहा है। अब न सिर्फ कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आ रही है। बल्कि अस्पतालों में भर्ती होने की बात हो या फिर जांच की, पहले के मुकाबले सारी व्यवस्था दुरुस्त और स्मूथ दिखने लगी है। 

ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग पर जोर
दरअसल स्वास्थ्य विभाग और सरकार ने बिहार में तेजी से फैल रहे कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग पर जोर दिया है। इसके नतीजे भी सकारात्मक सामने आए हैं। पिछले 10 दिनों की ही बात करें तो टेस्टिंग क्षमता 12 हजार से बढ़कर 50 हजार के पार पहुंच गई है। इस दौरान सैंपल कलेक्शन के हिसाब और संक्रमितों के मिलने के प्रतिशत में भी भारी गिरावट देखी गई है।
        
बिहार                            
तारीख        सैंपल    पॉजिटिव   
25 जुलाई     12461   2803
26 जुलाई      14199   2605
27 जुलाई      14236   2192
28 जुलाई      16275   2480
29 जुलाई      17794    2328
30 जुलाई      20801   2082
31 जुलाई      22742   2986
1 अगस्त       28624    2502
2 अगस्त       35619   2762
3 अगस्त      36534    2297
4 अगस्त      51924    2701

22 फीसदी से 5 फीसदी तक का तय किया सफर
जी हां, 25 जुलाई को 12461  सैंपल कलेक्ट किए गए थे, जिसमें से 2803 लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी। जबकि 4 अगस्त को टेस्टिंग कैपेसिटी बढ़कर 51924 हो गई। राहत की बात ये है कि 25 जुलाई को जहां 12461 सैंपल में 2803 लोग पॉजिटिव पाए गए थे, वहीं 4 अगस्त को 51924 सैंपल में से मात्र 2701 लोग संक्रमित पाए गए हैं। यानी पहले हर 100 लोगों में से 22 लोग संक्रमित पाए जा रहे थे। जबकि 4 अगस्त को ये आंकड़ा कम होकर 5 फीसदी तक पहुंच गया है। पिछले दिनों स्वास्थ्य विभाग ने ये लक्ष्य भी तय किया था। यानी ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग पर जोर देकर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ये लक्ष्य भी पूरा कर लिया है। अब आगे विभाग को संक्रमितों के मिलने का परसेंटेज कम करना है।  क्योंकि महकमा लगातार इस पर काम कर रहा है। 

10 दिन पहले लक्ष्य पूरा
आपको जानकर हैरानी होगी कि सीएम नीतीश ने 15 अगस्त तक स्वास्थ्य विभाग को 50 हजार टेस्टिंग का लक्ष्य पूरा करने को कहा था, लेकिन 10 रोज पहले ही विभाग ने इस लक्ष्य को पूरा कर दिखाया है। इसके साथ ही अब तक बिहार कुल 7.39 लाख सैंपल की जांच हुई है। जिसमें पॉजिटिव मरीजों की संख्या बढ़कर 64,732 हो गयी है। हालांकि लगातार लोग स्वस्थ भी हो रहे हैं। पिछले 24 घंटे में ही 1610 संक्रमित रिकवर हुए हैं। टोटल स्वस्थ हुए मरीजों की बात करें तो ये संख्या. 42370 हो गई है। रिकवरी रेट भी बढ़कर 65.45% हो गई है। हालांकि पिछले 24 घंटे में 20 और संक्रमितों की मौत भी हुई है। यानी अबतक बिहार में कुल 369 लोगों की कोरोना से जान जा चुकी है। 

केन्द्र से आई टीम ने दिया था फॉर्मूला
पिछले दिनों केन्द्र से आई स्वास्थ्य विभाग की 3 सदस्यीय टीम ने बिहार सरकार और स्वास्थ्य विभाग को बेकाबू कोरोना पर काबू पाने के लिए ट्रेसिंग, टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग पर जोर देने का फॉर्मूला दिया था। इस फॉर्मूले को विभाग ने आत्मसात किया और फिर आहिस्ता-आहिस्ता हालात सुधरते चले गए। बताने की जरुरत नहीं कि जांच की क्षमता बढ़ाने का यही मतलब ही है कि ट्रेसिंग के बाद टेस्टिंग हो रही है और संक्रमित होने की पुष्टि के बाद उसका ट्रीटमेंट किया जा रहा है।