द फॉलोअप टीम, रांची:
मांडर विधायक बंधु तिर्की ने मुख्यमंत्री से किसानों के लिए विशेष पैकेज के एलान की मांग की। बंधु तिर्की ने कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी में चौतरफा नुकसान प्रदेश के उन लाखों किसानों को उठाना पड़ रहा है। किसानों से सरकार ने जो फसल खरीदी उसकी पूरी राशि का भुगतान नहीं किया गया। किसानों के एक-आधा बार ही आधी-अधूरी राशि का भुगतान किया गया है।
न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा नहीं मिलता
बंधु तिर्की ने कहा कि धान अधिप्राप्ति केंद्रों के संचालकों के गड़बड़झाला एवं अनियमितता के कारण किसान अपना पूरा धान सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच नहीं पाये हैं। दूसरी ओर लॉकडाउन के दौरान प्रदेश के लाखों किसान उत्पादित सब्ज की लागत खर्च नहीं मिल पाने के कारण खून के आंसू रोने को मजबूर हैं। बीज बोने से लेकर तैयार सब्जी को बाजार पहुंचाने की कीमत भी उन्हें नहीं मिल रही है।
बिचौलियों को फसल बेचने को मजबूर किसान
विधायक ने कहा कि प्रातः सब्जी तोड़ने से लेकर 2:00 बजे तक ही सब्जी बाजार में बेचने की समय सीमा की बाध्यता के कारण किसान अपने उत्पादित सब्जी को व्यापारियों के हाथों औने-पौने दाम बेचने को मजबूर हैं। व्यापारियों के द्वारा थोक मंडी में कद्दू, बैंगन, मूली, टमाटर, खीरा ,हरी, मिर्च आदि सब्जियों की कीमत औसतन 2,3 रु प्रति किलो की दर से खरीद किया जा रहा है क्योंकि 2:00 बजे के बाद बाजार भी बंद हो जाता है इसलिए किसान जैसे तैसे अपना सब्जी बेच कर भारी मन से घर की ओर लौट जाते हैं।
गहन आर्थिक संकट का सामना कर रहे किसान
कुछ किसान तो अपनी सब्जी बेच भी नहीं पाते और सड़क किनारे फेंक कर चले जाते हैं। उनके पास अपनी सब्जी उचित मूल्य पर किसी दूसरे व्यापारी के पास बेचने का विकल्प भी नहीं रहता। इनमें से अधिकतर किसानों ने ऋण लेकर कृषि किया था। बहुत सारे किसानों ने तो महिला समूह से निजी तौर पर ऋण लेकर खेती किया है। भारी पूंजी लगाकर किसान खेती तो कर रहे हैं लेकिन उन्हें उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है। किसान आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं।
किसानों ने ऋण लेकर किया है खेती का काम
उदाहरण स्वरूप बेड़ो प्रखंड के लगभग 7700 किसानों ने केसीसी लोन लेकर खेती किया है। जरिया गांव के किसान पंकज कुमार महतो हैं कि उन्होंने तरबूज की खेती की थी जिसमें लगभग ढाई लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ा। इसी तरह असरो गांव के किसान दुर्गा उरांव बताते हैं कि उन्होंने 1 एकड़ से ऊपर अपनी जमीन में टमाटर लगाए थे लेकिन हजारों रुपए का नुकसान हो गया। इस तरह से प्रदेश में लाखों किसान है जिन्हें खेती में काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कीटनाशक की कीमतें आसमान छू रही हैं
बंधु तिर्की ने कहा कि खाद बीज एवं कीटनाशक दवाइयों की कीमत आसमान छू रहा है। डीएपी खाद जो पहले 1200 से 1400 रुपए में मिलता था वही आज 2000 रुपये प्रति बैग की दर से मिल रहा है। वर्ष 2020 में भी इसी कोरोना कालखंड में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। किसान क्षति को नहीं संभाल पाये थे। वर्ष 2021 के इस करोना काल में कमरतोड़ नुकसान से उनका सामना हो गया। वहीं अन्य खाद्य पदार्थो सहित पेट्रोल-डीजल इत्यादि चीजों की कीमत आसमान छू रही है।
बंधु तिर्की ने किसानों के लिए मांगा राहत पैकेज
विधायक बंधु तिर्की ने सरकार से मांग की है कि किसानों से जो धान सरकार ने खरीदा था उसका पूर्ण भुगतान किया जाये। मानसून प्रवेश करना है। किसानों को सब्सिडी मूल्य पर खाद और बीज उपलब्ध करवाई जाये। बंधु तिर्की ने ये भी मांग की है कि किसानों को राहत पैकेज दिया जाये।