द फॉलोअप टीम, रांची:
चार दिनों से नहाया नहीं। जो कपड़े पहने थे, उसे भी बदल नहीं सका। अफगानिस्तान में स्थितियां इतनी खराब हैं कि ब्यां करना मुश्किल है। जिस होटल में ठहराया गया था, वहां से काबुल एयरपोर्ट की दूरी महज 10 मिनट की है। लेकिन चार दिनों तक इंतजार करना पड़ा। यही नहीं, बस में कल ही बिठाया दिया गया था। लेकिन 10 मिनट की दूरी तय करने में 20 घंटे लग गए। 20 घंटे बस में ही बैठे रहना पड़ा। बस से बाहर भी नहीं निकल सकते थे। रह-रहकर तालिबान के लड़ाके फायरिंग कर रहे थे। लेकिन भारतीयों के साथ उनका अच्छा व्यवहार है। वो ही सुरक्षा घेरा के साथ हम 160 हिंदुस्तानियों को काबुल एयरपोर्ट के अंदर तक लाए। यह कहना है, आज शाम काबुल से व्हाया दिल्ली रांची पहुंचे बेरमो, बोकारो निवासी बब्लू कुमार का।
बहनों की दुआ आई रास रक्षाबंधन के दिन घर
बब्लू जैसे ही एयरपोर्ट से बाहर आए, उन्होंने धरती को चूमा। उन्हें लेने आए ज्योति शर्मा और उनके साथियों ने भारत माता के जयकारे लगाए। ज्योति के ही प्रयास से बब्लू झारखंड पहुंचे हैं। टिकट आदि की व्यवस्था भी ज्योति ने ही की। बब्लू समेत झरखंड के तीन लोग काबुल से दिल्ली पहुंचे। हिंडन एयरपोर्ट पर एयरफोर्स का विमान सी-17 168 लोगों को लेकर काबुल से दिल्ली पहुंचा। दिल्ली आने पर एयरबेस पर बब्लू कुमार के डॉक्यूमेंट की वेरिफिकेशन की गई। रांची के रहने वाले अशफाक अहमद भी काबुल से दिल्ली पहुंचे। उनके रांची आने की जानकारी नहीं मिल सकी है।
जून में काम करने बब्लू गए थे काबुल
इसी साल जून महीने में काम के सिलसिले में बब्लू अफगानिस्तान गए थे। 6 अगस्त को उनकी वापसी की टिकट थी। लेकिन काबुल हवाई अड्डे पर भारी भीड़ और अफरातफरी के कारण वो वापस नहीं लौट सके। बब्लू अपने परिजनों से व्हाट्सएप के जरिए संपर्क में रहे और वहां के हालात के बारे में जानकारी देते रहे। इधर बब्लू के भाई और उसकी पत्नी ने बब्लू के वतन वापसी के लिए ट्वीट कर केंद्र सरकार और सीएम हेमंत सोरेन से भी गुहार लगाई थी। बब्लू आज एयर एशिया के विमान से रांची पहुंचे।