द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखण्ड के बड़कागांव से कांग्रेस की विधायक अम्बा प्रसाद को आप जरूर जानते होंगे। राज्य की सबसे कम उम्र की विधायक का उन्हें गौरव प्राप्त है। महज 27 वर्ष की उम्र में ही वह पहली बार चुनाव लड़ीं और विधायक बन गईं। विधायक बनने के बाद से वह युवाओं में खूब चर्चित रहीं हैं। कई युवा उन्हें अपना रोल मॉडल मानते हैं। सड़क से लेकर सदन तक वह युवाओं के मुद्दे को उठाती रहीं हैं। लेकिन बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि अम्बा प्रसाद विधायक बनने से पहले दिव्यांग बच्चियों को नाचने और गाने का ट्रेनिंग देती थींं।
नेत्रहीन विद्यालय में बच्चियों को अम्बा देती थीं ट्रेनिंग
बहुत कम लोग यह जानते हैं कि विधायक बनने से पहले अम्बा प्रसाद रांची के एक नेत्रहीन विद्यालय में नाचने और गाने का ट्रेनिंग देती थींं। रविवार को विधायक अम्बा प्रसाद ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर यह जानकारी साझा करते हुए बताया कि "रांची के बहु बाजार स्थित ब्रजकिशोर नेत्रहीन बालिका विद्यालय की बालिकाएं मेरे मन और आत्मा से जुड़ी हैं। ईश्वर रूपी बालिकाओं को मैं यहाँ नृत्य, गाना सिखाती थी और पढ़ाती थीं। काफी समय बाद जब उनसे मिलने गई, उन्होंने मेरी आवाज से ही मुझे पहचान कर कृतार्थ कर दिया।
माता-पिता के जेल जाने के बाद अम्बा ने लड़ा था चुनाव
बड़कागांव विधानसभा सीट पर अम्बा प्रसाद के पिता योगेंद्र साह और माता निर्मला देवी पहले चुनाव जीत चुकी हैं। दोनों के जेल जाने के बाद 2019 के विधानसभा चुनाव में अम्बा प्रसाद पहली बार चुनाव लड़ी थी और विजयी हुईंं। अम्बा प्रसाद को 93 हजार 295 वोट मिले थे।
एमबीए करने वाली अम्बा यूपीएससी की कर रही थी तैयारी
विधायक अंबा ने बैचलर्स ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) के बाद मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन (MBA) की डिग्री ली है। इसके बाद अंबा कानून की पढ़ाई भी कर चुकी हैं। एक इंटरव्यू में अम्बा प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया था कि वह यूपीएससी की तैयारी कर रही थीं. इसी दौरान उन्हें चुनाव लड़ने के लिए आना पड़ा।