द फॉलोअप टीम, रांची
एक तरफ कांग्रेस ने कृषि बिलों के खिलाफ मार्च निकाल कर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा, वहीं दूसरी तरफ इस मार्च को लेकर कई सवाल भी उठाए गए हैं। भाजपा विधायक अमर कुमार बाउरी ने ट्विटर के जरिए जिला प्रशासन से पूछा है किस नियम के तहत 28 सितंबर को कांग्रेस पार्टी को राजभवन मार्च की स्वीकृति दी गयी?
बाउरी ने प्रशासन पर उठाए सवाल
विधायक अमर कुमार बाउरी ने जिला प्रशासन से कांग्रेस को मार्च निकालने की स्वीकृति दिए जाने के सवाल पर कहा कि राज्य के दलितों के अधिकार को लेकर भाजपा को राजभवन के समक्ष धरना करने के लिए स्वीकृति नहीं दी गयी थी। एक राज्य में दो पार्टियों पर दो नियम कैसे लागू हो सकते हैं ?
19 सितंबर को नहीं मिली थी बीजेपी को इजाजत
अमर कुमार बाउरी ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान कांग्रेस को किस नियम के तहत इसकी स्वीकृति दी गयी?, जबकि 19 सितंबर को बोकारो के भूखल घासी भूख से हुई मौत के प्रकरण और दलितों के हक के लिए जब धरना की स्वीकृति जिला प्रशासन से मांगी गई, तो रांची के उपायुक्त ने फोन पर खुद मुझसे कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान धरना देने की स्वीकृति नहीं दी जा सकती। उन्होंने कहा कि मैं ट्वीट के माध्यम से जिला प्रशासन से जानना चाहता हूं कि झारखंड राज्य के एक मंत्री, जो कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष भी हैं और संवैधानिक पद पर रहते हुए खुद नियमों को तोड़ रहे हैं, तो ऐसे में राज्य का भला कैसे हो सकता है?