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दस दिनों से जारी एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मियों का आंदोलन, चार दिनों के भीतर 2 कर्मचारियों की मौत

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के बैनर तले चरणबद्ध आंदोलन का आज 19 वां दिन है। चार दिनों के भीतर आंदोलनरत 2 स्वास्थ्य कर्मियों की जान तक जा चुकी है, लेकिन सरकार चुप बैठी है। इनमें 1 सिमडेगा तो 1 देवघर का मामला है। 13 सालो से विभाग में सेवा दे रहे कर्मियों की मांग है कि उन्हेंर विभाग में समायोजित किया जाए। समायोजन होने तक अविलंब मानदेय में वृद्धि किया जाए।
 


विभाग में समायोजन की कर रहे मांग
कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार ने बताया कि राज्य के सभी जिले के एमपीडब्ल्यू समायोजन के मांग पत्र की तख्तीय लगाकर कार्य कर रहे हैं। एमपीडब्ल्यू पूरे राज्य मे दो सालों से कोरोना जैसी महामारी से लड़ रहे हैं। जान की परवाह किए बिना राज्यवासियों की सेवा कर रहे हैं। 7 जून 2021 को राज्य के सभी जिलों में एमपीडब्लू ने भूख हड़ताल की थी। कुछ जिलों में कुछ एमपीडब्ल्यू की तबीयत खराब हो गई। 


रकार ने नहीं मानी मांग तो 17 से भूख हड़ताल
तख्ती लगाकर विरोध करने का कार्यक्रम सभी जिलों में 14 जून तक चलेगा। 15 जून को सभी कर्मी कलम बंद हड़ताल पर रहेंगे। 16 जून को सभी कर्मी अपने-अपने जिला में सिविल सर्जन को मांग पत्र सौंपेंगे। अगर सरकार और विभाग ने मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया तो 17 जून से सभी एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मी अन्न छोड़कर भूख हड़ताल शुरू करेंगे।