द फॉलोअप टीम, जामताड़ा:
करमाटांड़ और आसपास नवाडीह भीठरा आदि क्षेत्रों में साइबर क्राइम के साथ ड्रग्स का कारोबार तेजी से फैल रहा है। करमाटांड़ थाना क्षेत्र के नावाडीह पंचायत के नावाडीह गांव, भीडरा, पहरुडीह, देवडीह समेत आस पड़ोस के गांव में पिछले छह से आठ महीनों से चरस का प्रचलन बढ़ा है। हेरोइन, ब्राउन शुगर और गांजा के अलावा चरस और स्मैक का कारोबार किशोरों और युवाओं को अपनी गिरफ्त में ले रहा है। नशीले पदार्थो के सौदागरों की लगातार गिरफ्तारी से इसकी पुष्टि हुई है परंतु प्रशासन अनुसंधान कर जड़ तक पहुंचकर इसे समाप्त करने में फिसड्डी साबित हो रही है। हैरानी यह है कि अब नेशेड़ियों ने स्कूल को अपना आशियाना बनाना शुरू कर दिया है। नावाडीह स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय नावाडीह उर्दू विद्यालय के पीछे बने नवनिर्मित भवन के बरामदे एवं छत पर इन नशेडिय़ों ने अपना अड्डा बनाया लिया है। जिस स्थान पर चरस रखे जाते हैं वहां काले काले धब्बे हो गए हैं। साथ ही हजारों की संख्या में माचिस एवं तिल्ली बिखरे हुए हैं। विदित हो कि मुख्य सड़क के महज 50 फीट दूरी पर क्षेत्र के युवा अराम से नशीले पदार्थ का सेवन करते हैं।
क्षेत्र मे बढ़ रही मांग से सप्लायर का धंधा चरम पर, बढ़ा गिरोह
वर्ष 2020 में करमाटांड़ पुलिस ने नवाडीह के एक गुमटी के संचालक रामपुर निवासी गणेश राय के पुत्र शिवनाथ राय को भी उक्त प्रतिबंधित एवं गैर कानूनी चरस बेचने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उनके पास सभी नशीली पदार्थ को भी जप्त किया। इसके विरुद्ध कर्माटांड़ थाना में काण्ड संख्या 9/21 धारा 22 एनडीपीएस एक्ट ब्राउन शुगर के साथ रंगे हाथ पकड़े जाने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज की जेल भेजा जा चुका है। ब्राउन शुगर की कीमत दूसरे नशीला पदार्थ से अधिक होती है, इसलिए तस्करों ने इसे बेचना शुरू कर दिया। पिछले छह महीने में करमाटांड़ पूरे क्षेत्र में ब्राउन शुगर ने पांव पसार लिए हैं।
दिनों दिन बढ़ रही हैं इसकी सक्रियता
एजेंट ग्राहक की तलाश में ग्रामीण क्षेत्रों के पान पुडिया के गुमटी के बाहर मंडराते रहते हैं। उनके निशाने पर कम उम्र मैं साइबर के माध्यम से लाखों-करोड़ों रूपये अर्जित करने वाले युवा होते हैं, जो सिगरेट के लिए दुकान में जाते हैं। 'टशन' की बात कहकर एजेंट पहले 100-200 रुपये में ब्राउन शुगर युक्त सिगरेट पिलाते हैं, नशे की लत होने के बाद वही पुड़िया फिर 500 से 3000 रुपये में प्रति पुड़िया बेचने लगते हैं। ब्राउन शुगर की जद में सबसे अधिक 14 से 50 वर्ष तक की आयु के लोग हैं। ज्यादातर युवा दोस्तों के माध्यम से नशे के संपर्क में आए।
नेटवर्क दूसरे राज्यों तक
हेरोइन की खरीद और बिक्री के लिए कुण्डहित के रास्ते करमाटांड़ मे बंगाल से आपुर्ति किया जा रहा है। यहां के तस्करों का नेटवर्क बिहार की राजधानी पटना से लेकर, झारखंड, कोलकाता एवं दिल्ली तक है। इसका कर्माटांड़ के अलगचूआं भीठरा, नावाडीह आदि इलाका भी गढ़ बन रहा है। 28 मार्च 2019 को भोजपुर पुलिस ने झारखंड के जसीडीह इलाके के गिधनी गांव निवासी सिकंदर को गिरफ्तार किया था। उसके पास से 300 पुड़िया ब्राउन शुगर बरामद की गई थी। पूछताछ में पता चला कि बरामद ब्राउन शुगर आरा शहर के गांगी क्षेत्र से खरीदने के बाद झारखंड के करमाटांड़ में ले जाकर अपने क्षेत्र में बेचता था।
क्या कहते हैं ग्रामीण
इन समस्याओं के बारे में पूछे जाने पर नावाडीह गांव के शकूर अंसारी ने बताया कि क्षेत्र में इन दिनों चरस का चर्चा बहुत जोरों पर है प्रसासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी उन्मूलन पर जोर दे तथा नवयुवकों को भविष्य बिगड़ने से बचाए। पंचायत के मुखिया सज्जाद अंसारी उर्फ़ गुल मोहम्मद ने बताया कि इसमें संलिप्प लोगों की चिन्हित करने का काम करेंगे तथा प्रशासन इस पर रोकथाम के लिए उपाय करें हम क्षेत्रवासी सहयोग के लिए तत्पर हैं।