logo

शौचालय में रहने को विवश दंपत्ति, सरकारी आवास योजना का नहीं मिला है लाभ

11085news.jpg

द फॉलोअप टीम, जामताड़ा: 

झारखंड के जामताड़ा जिले से प्रशासनिक दावों और सरकारी घोषणाओं को झुठलाने वाली तस्वीर सामने आई है। तस्वीर शर्मनाक है क्योंकि इसमें दिख रहा दंपत्ति शौचालय में जिंदगी बसर करने को विवश है। हैरानी की बात है कि इस जरूरतमंद दंपत्ति को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नही मिल पा रहा है। हालत इतना बदतर है कि कि पति-पत्नी शौचालय में रह रहे हैं। 

 

कई वर्षों से शौचालय में रहता है दंपत्ति
केवल यही नहीं, गुमला जिला के घाघर प्रखंड के रहने वाले एक गरीब किसान भी बीते पांच साल से एक पेड़ के नीचे रह रहे हैं। इतने वर्षों से वो पेड़ ही शख्स का आसरा बना हुआ है। जामताड़ा जिला के जिस दंपत्ति की बात ऊपर कही गई है उनमें पति का नाम भूतनाथ है जबकि पत्नी का नाम अनहेला घोष। उनेक पास रहने को घर नहीं है। काफी कोशिशों के बाद भी उनको सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका है। पति-पत्नी शौचालय में रहने को विवश हैं। मामला जामताड़ा जिला अंतर्गत कुंडहित प्रखंड के नाटूलतला गांव का है। जानिए पूरा मामला। 

 

दिव्यांग पति और पत्नी के सामने मुश्किल
दंपत्ति जिस शौचालय में रह रहा है उसका निर्माण स्वच्छ भारत मिशन के तहत किया गया है। हालांकि सरकार इस पर भी अपनी पीठ थपथपा सकती है कि हमने शौचालय का निर्माण करवाया जिसका इस्तेमाल ना केवल शौच के लिए बल्कि आशियाने के तौर पर भी की जा सकती है। जिस दंपत्ति की बात यहां हो रही है, उनमें पति भूतनाथ को दिखाई नहीं देता। पत्नी अनहेला घोष मेहनत-मजदूरी से जो कमाती हैं उसी से घऱ चलता है। आस है कि शायद किसी प्रशासनिक अधिकारी या सरकारी प्रतिनिधि का नजर उन पर पड़ जाए और उनको एक अदद मकान मिल सके। 

 

बीडीओ ने कहा मामले की जांच करवाएंगे
भूतनाथ ने बताया कि पहले उनको विकलांग पेंशन योजना का लाभ मिलता था। पर अब पेंशन मिलना बंद हो गया। मामले में उप मुखिया निखिल मांझी का कहना है कि भूतनाथ घोष को सरकारी आवास और पेंशन प्राथमिकता से मिलनी चाहिए क्योंकि वो दिव्यांग हैं। उप मुखिया का कहना है कि दंपत्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए वे लगातार कोशिश कर रहे हैं। मामले में कुंडहित के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने कहा कि पीएम आवास योजना का लाभ नहीं मिल पाना दुखद है। मैं पता लगाने की कोशिश कर रहा हूं कि टीम से कहां गलती हुई।