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चमोली आपदा: अब तक 54 शव बरामद, 179 लापता लोगों की तलाश जारी

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द फॉलोअप टीम, उत्तराखंड: 
उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने से हुए हादसे के बाद राहत और बचाव कार्य जारी है। एनटीपीसी, आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में लगी है। समाचार एजेंसी एएनआई के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक अब तक 54 शव बरामद कर लिए गये हैं। चमोली पुलिस ने बताया कि जोशीमठ पुलिस स्टेशन में अब तक 179 लोगों के लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। 

ग्लेशियर टूटने से आई थी आपदा
जानकारी के लिए बता दें कि बीते सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने से ऋषिगंगा और धौलीगंगा नदियां उफना गई थीं। अचानक आई इस आपदा में ऋषिगंगा पॉवर प्रोजेक्ट को तो नुकसान हुआ है, इसमें काम करने वाले तकरीबन 200 मजदूर भी लापता हो गए। बता दें कि सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को हुआ जो आपदा के वक्त तपोवन सुरंग में काम कर रहे थे। चमोली पुलिस ने कहा कि फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी रहेगा। 

अब तक कुल 54 शवों की बरामदगी
सोमवार को तपोवन सुरंग से 8 शव बरामद किए गये। एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट आदित्य प्रताप सिंह ने ये जानकारी दी। उन्होंने बताया कि उनकी टीम रात दिन राहत और बचाव कार्य में लगी है। उन्होंने ये भी बताया कि रैनी गांव में भी सात शवों की बरामदगी की गई है। वहीं एसडीआरएफ की टीम ने बताया कि तपोवन सुरंग में राहत और बचाव कार्य जारी है। लापता लोगों को तलाशने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। 

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ऋषिगंगा प्रोजेक्ट को भारी नुकसान
बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में उस समय अचानक ग्लेशियर फटा जब सैकड़ों की संख्या में मजदूर ऋषिगंगा प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे। ग्लेशियर टूटने से आये सैलाब में मजदूरों को संभलने का मौका नहीं मिला और वे सैलाब में बह गए। दुखद बात ये है कि उस वक्त कई मजदूर तपोवन टनल में काम कर रहे थे। सैलाब के साथ आया मलबा टनल में घुस गया जिसकी वजह से राहत और बचाव कार्य में मुश्किलें आ रही हैं। 
इस आपदा का शिकार झारखंड के भी कुछ मजदूर हुए हैं। कुछ शव बरामद किए गये हैं जिनकी पहचान के लिए डीएनए जांच का सहारा लिया जाएगा।