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संविदा कर्मियों ने घेरा आलमगीर आलम का आवास, कैबिनेट की बैठक के लिए कर्मियों के बीच से पैदल ही निकले मंत्री

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द फॉलोअप टीम, रांची 
संविदा विस्तार की मांगों को लेकर 14वें वित्त आयोग के कर्मियों ने बुधवार को मंत्री आलमगीर आलम के आवास का घेराव किया। आवास के दरवाजे के ठीक सामने लगभग 350 की संख्या में कर्मी बैठे रहे। अधिकारियों के समझाने के बाद भी जब कर्मी नहीं माने, तो मंत्री को खुद आवास से बाहर आकर कर्मियों से बात करनी पड़ी। हालांकि उन्होंने किसी प्रकार का ठोस आश्वासन नहीं दिया, जिसके कारण कर्मी आवास के सामने डटे रहे। थोड़ी देर बाद मंत्री कर्मियों से बीच से पैदल ही आगे बढ़े, जिसके बाद मंत्री की गाड़ी के लिए कर्मियों ने रास्ता दिया। आवास के दरवाजे से करीब 200 मीटर दूर मंत्री अपनी गाड़ी पर बैठे और कैबिनेट की बैठक के लिए रवाना हुए। 



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मंत्री के इंतजार में आवास के सामने ही बैठे हैं कर्मी 
मंत्री का जेने के बाद भी संविदा कर्मी आवास के सामने से नहीं हटे। वे वहीं बैठे रहे। उनकी मांग है कि कैबिनेट की बैठक में आलमगीर आलम कर्मियों के 15वें वित्त में सामायोजन को मंजूरी दिलाएं। इसलिए कैबिनेट की बैठक खत्म कर आलमगीर के वापस आने तक कर्मियों ने वहीं बैठने का निर्णय लिया है। 350 लोगों में से लगभग 50 महिलाएं हैं। वे भी वहीं बैठे रहने की जिद पर अड़ी हैं। बता दें कि ये पिछले 48 दिनों से धरना दे रहे हैं, एक बार पुलिस द्वारा उनपर लाठीचार्ज भी किया गया है। 



दोबारा बहाली के खिलाफ हैं संविदा कर्मी  
14वें वित्त आयोग के कर्मियों की संविदा 31 मार्च 2020 को ही खत्म हो गई थी, लेकिन उनकी संविदा कई बार बढ़ाकर 31 दिसंबर तक कर दी गई। 31 दिसंबर के बाद उनकी संविदा समाप्त कर दी गई। उनका कहना है कि इन नौ महीनों में उन्हें एक भी छुट्टी नहीं मिली। यहां तक कि उन्होंने रविवार को भी काम किया है और सब कोरोना काल में हुआ। अब सरकार 15वें वित्त आयोग के तहत नई बहाली करना चाहती है, जिसके खिलाफ 14वें वित्त के कर्मी सड़क पर उतरे हैं। उनका कहना है कि उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना के काल में काम किया। अब सरकार उनकी नौकरी छीन रही है।