logo

बिहार में 40 प्रतिशत से अधिक लड़कियों का 18 वें सावन से पहले कर दिया जाता है विवाह

3296news.jpg
द फॉलोअप टीम पटना,
बिहार के किसी गांव या शहर से जुड़ी सड़कों से आप गुजरें, साइकिल पर स्कूल जाती हुई लड़कियां जरूर दिख जाएंगी। यह दृश्य एक बड़े सामाजिक बदलाव का संकेत देता है। लेकिन नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की चौथी रिपोर्ट के पन्ने  पलट कर देखेंगे तो तस्वीेर का दूसरा रुख भी दिखाई देगा, जो बड़ा दर्दनाक है। इन लड़कियों की शादी स्‍कूल से निकलते ही कर दी जाती है। इसका बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता कि इनकी अभी उम्र भी हुई है या नहीं। राज्य में 40.08 प्रतिशत लड़कियों की शादी 18 वर्ष से पहले हो जाती है। इनमें गांवों की 43.4 और शहरी क्षेत्र की 27.9 फीसदी लड़कियां शामिल हैं। 11 प्रतिशत लड़कियां 15-19 वर्ष की उम्र में मां बन चुकी होती हैं। बाल विवाह को गैर-कानूनी घोषित किए जाने के बावजूद यह हाल है।

76.7 महिलाओं के पास अपना बैंक अकाउंट तक नहीं
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 55.3 प्रतिशत महिलाओं के पास अपनी प्रॉपर्टी है, घर या ज़मीन के रूप में है। वहीं 76.7 महिलाओं के पास अपना बैंक अकाउंट है। बात की जाए प्री- प्राइमरी स्कूल अटेंड करने वाली पांच साल की लड़कियों की तो महज़  11.5% ही वर्ष 2019-20 के दौरान स्कूल अटेंड किया। 

हेल्थ् के मामले में भी काफी पीछे
स्वाथस्य् के मामले में भी काफी पीछे है। रिपोर्ट की मानें तो कैंसर, एचआईवी को लेकर बिहार में अभी भी जागरूकता और सतर्कता की काफी कमी है। केवल 0.8% महिलाएं सर्वाइकल कैंसर , 0.3% ब्रेस्ट कैंसर  और  0.3% महिलाओं ने ओरल कैंसर की स्क्रीनिंग कराई है। सरकार को अब भी इसके प्रति बड़ा कदम उठाना होगा। 

ये भी पढ़ें......

पुरुष के मुकाबले बहुत कम साक्षरता दर
बिहार में साक्षर महिलाओं की संख्या पुरुषों से 20.7% कम है। 57.8 प्रतिशत महिलाएं साक्षर हैं। जब हम शहरी क्षेत्र और गांवों के गैप को देखें तो अकड़े चिंताजनक हैं। शहरी इलाकों में 74.9 प्रतिशत महिलाएं साक्षर है तो पुरुष यहां भी 84.04 प्रतिशत से आगे हैं। गावों में 54.5 प्रतिशत महिलाएं वहीं 77.07 प्रतिशत पुरुष साक्षर हैं।