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कोरोना ने असमय ही राज्य के 26 डॉक्टरों को लील लिया

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द फॉलोअप टीम, रांची:
कोरोना महामारी ने ना जाने कितने ही लोगों को अपनी चपेट में ले लिया। जिससे अब तक हजारों लोगों की जान जा चुकी है। इनमें  दिन रात मरीजों की सेवा में अस्पतालों में तैनात रहने वाले डॉक्टरों की संख्या भी कम नहीं। झारखंड के आठ जिलों के 26 चिकित्सकों की असमय ही मृत्यु हो गयी। जिनमें से धनबाद, दुमका, कोडरमा, पलामू पाकुड़, जमशेदपुर, रांची, गढ़वा और देवघर के डॉक्टर शामिल हैं।
पूर्वी सिंहभूम जिले में सबसे ज्यादा चिकित्सकों की मौत हुई। यहां के 8 डॉक्टर्स डॉ वीरेंद्र प्रसाद, डॉ दिलीप मांझी, डॉ डीएन सिंह, डॉ मिथलेश कुमार, डॉ आरके राम, डॉ आरपी गुप्ता, डॉ ज़ेवियर बारा और डॉ यूएस सिंह कोरोना के सबब काल के ग्रास बने।

रांची में 6 डॉक्टरों की मौत
रांची में 6 डॉक्टर्स की कोरोना की चपेट में आने से मौत हुई है। जिनमें रिम्स के सीनियर रेजिडेंट डॉ मोहम्मद सिराजुद्दीन, डॉ अनिल एस श्रीवास्तव, डॉ पीके सेनगुप्ता, डॉ जे मुंडू, डॉ बैजनाथ शरण और डॉ आरएन सिंह का नाम शामिल हैं।

धनबाद के चार और पलामू के तीन और गढ़वा के दो डॉक्टर
धनबाद में कोरोना की चपटे में आने से डॉ गौतम पांडे, डॉ एस साहा, डॉ मिस एस साहा और डॉ एके सिन्हा की मौत हो गयी। वहीं पलामू में तीन चिकित्सक डॉ विजय डुंगडुंग, डॉ अखिलेश कुमार सिन्हा और रिटायर सिविल सर्जन डॉ कलानंद मिश्रा, तो गढ़वा में दो
डॉक्टरों ने असमय ही अपनी जान गवाई। उनमें डॉ इंदेश्वर तिवारी और पूर्व सिविल सर्जन डॉ बिंदेश्वर रजक शामिल हैं।

देवघर, कोडरमा और दुमका के एक-एक डॉक्टर की हुई मौत
दुमका के सदर अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर डॉ आरके सिंह, देवघर में डॉ राजीव सिंह और कोडरमा IMA के अध्यक्ष डॉ संजीव झा की मौत हुई। 

ये वैसे कोरोना वारियर्स थे जिन्होंने अपनी जान की परवाह ना करते हुए लोगों की सेवा की। जब तक इनका जीवन रहा ये तब तक जी जान से लोगों को बचाने का प्रयास करते रहे लेकिन इस महामारी ने इन्हें भी नही बख़्शा।