द फॉलोअप टीम, पटना
बिहार में एनडीए को बहुमत के आंकड़े से ज्यादा सीटें मिलने के बाद भी नीतीश कुमार ने सीएम बनने के प्रति अनिच्छा जताई है। वह चुनाव में अपनी पार्टी जदयू के खराब प्रदर्शन से दुखी हैं। हालांकि भाजपा नेताओं ने नीतीश कुमार को समझाया और लगातार चौथी बार सीएम बनने लिए राजी किया। नीतीश के सीएम पद को लेकर अनिच्छा दिखाने के बाद वरिष्ठ भाजपा नेताओं ने उन्हें पुन: मुख्यमंत्री बनने के लिए राजी किया। भाजपा नेताओं ने पूरा आश्वासन दिया कि वह पहले की तरह पूर्ण स्वतंत्रता के साथ अपनी सरकार चला सकते हैं। बुधवार को बिहार के निवर्तमान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर कहा कि जनता सर्वोपरि है। मैं एनडीए को बहुमत देने के लिए लोगों का आभारी हूं। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके निरंतर समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।
चिराग ने बिगाड़ा जदयू का खेल
सूत्रों ने कहा कि जिस तरह से चिराग पासवान और उनकी लोजपा ने जदयू को नुकसान पहुंचाया था, उससे नीतीश बहुत परेशान थे। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि वह बहुत परेशान थे कि चिराग ने कम से कम 25-30 सीटों पर जदयू की जीत की संभावना को बिगाड़ दिया। हमने उन्हें सीएम बने रहने के लिए राजी किया, हालांकि भाजपा अब गठबंधन में एक वरिष्ठ भागीदार है।
भाजपा-जदयू के बीच समन्वय का अभाव
जदयू के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि उनकी पार्टी में सामान्य धारणा थी कि भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान चिराग पासवान के साथ प्रभावी ढंग से व्यवहार नहीं किया। इस नेता ने कहा कि भाजपा और जदयू कार्यकर्ताओं के बीच समन्वय का भी अभाव था। उन्होंने कहा कि इस कारण जदयू पार्टी के कुछ मंत्रियों और कुछ मौजूदा विधायकों को हार का सामना करना पड़ा।
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इन सीटों पर लोजपा ने खेल बिगाड़ा
जदयू नेता ने कहा कि वास्तव में, जदयू के मंत्री जय कुमार सिंह (दिनारा), शैलेश कुमार (जमालपुर), कृष्णनंदन वर्मा (जहानाबाद), रामसेवक सिंह (हथुआ), संतोष निराला (राजपुर) और खुर्शीद आलम (सिकता) की हार के लिए लोजपा कारक को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। जदयू को 2005 के विधानसभा चुनावों के बाद पार्टी का सबसे खराब प्रदर्शन है। 2015 के विधानसभा चुनावों में पार्टी को 71 सीटों पर जीत मिली थी।