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भोले-भाले ग्रामीणों को बनाता था शिकार गिरोह को पुलिस ने किया गिरफ्तार

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द फाॅलोअप टीम, रांची 
झारखंड पुलिस ने साइबर अपराधियों के गिरोह का पर्दाफास करते हुए उसके दो सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। ये लोग भोले-भाले ग्रामीणों को अपना षिकार बनाते थे। गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से भारी मात्रा में एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं।

ऐसे करते थे ठगी
इस गिरोह के साइबर अपराधियों के निशाने पर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले भोले-भाले लोग होते थे। ग्रामीण इलाके में रहने वाले अभी भी एटीएम का प्रयोग सही तरीके से नहीं कर पाते हैं, जिसका फायदा यह अपराधी उठाते थे। इन अपराधियों का गिरोह पहले से ही एटीएम के बाहर खड़ा रहा करता था। जैसे ही कोई ग्रामीण पैसे निकालने के लिए एटीएम में जाता, यह उसकी सहायता के लिए उनके पास जाते थे और उनके एटीएम से पैसा निकाल उन्हें दे देते थे।

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ऐसे आए पुलिस की गिरफ्त में 
रांची के ग्रामीण इलाकों से लगातार खातों से पैसे गायब होने की शिकायतें पुलिस के पास पहुंच रही थी। छानबीन के क्रम में और सीसीटीवी फुटेज खंगालने के दौरान पुलिस ने यह पता लगा लिया है कि कुछ लोग ग्रामीणों को सहायता करने के नाम पर उनके एटीएम बदलकर उनके खातों से पैसे गायब कर रहे हैं। सूचना पर एक टीम का गठन कर सादे लिबास में पुलिसकर्मी एटीएम की निगरानी करने लगे। इसी बीच रविवार को दो साइबर अपराधी जो लगातार इलाके में ग्रामीणों को बरगला कर उनके पैसे गायब कर रहे थे, एटीएम के पास दिखे। चुकी उनमें से एक की पहचान सीसीटीवी से मिले फुटेज से हो गई थी, इसलिए पुलिसकर्मियों ने उन्हें पहचान लिया और एटीएम के बाहर से ही उन्हें धर दबोचा।

लाखों की कर चुके है ठगी
गिरफ्तार साइबर अपराधियों ने पुलिस की पूछताछ में बताया है कि वे लोग गुमला और लोहरदगा में भी इसी तरीके से ग्रामीणों को ठगा करते थे और उनके एटीएम हासिल कर उनके खाते को खाली कर दिया करते थे। पकड़े गए दोनों साइबर अपराधियों का पुराना अपराधिक इतिहास भी रहा है. गिरफ्तार साइबर अपराधियों के पास से पुलिस ने स्टेट बैंक के पांच, बैंक ऑफ इंडिया के चार, यूनियन बैंक के एक, केनरा बैंक का एक एटीएम बरामद किया है। आरोपियो के पास से पैन कार्ड, आधार कार्ड, कई मोबाइल और ड्राइविंग लाइसेंस भी बरामद किए गए हैं।