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Corona Update:  शाम 4:30 बजे प्रधानमंत्री ने बुलाई आपात बैठक, कोरोना के ताजा हालात पर होगा बड़ा फैसला! 

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द फॉलोअप टीम, डेस्क: 

कोरोना के मामलों में लगातार बढ़ोतरी जारी है। तीसरी लहर में ज्यादा तेजी से लोग संक्रमित हो रहे हैं। बीते कुछ दिनों का आंकड़ा काफी भयावह है। इस बीच जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार शाम साढ़े 4 बजे एक आपात बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इस बैठक में कोरोना संक्रमण के ताजा हालात की समीक्षा की जाएगी। मीटिंग में स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य सचिव सहित नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) के शामिल होने की उम्मीद है। कुछ अहम फैसले भी लिए जा सकते हैं। 

6 लाख के करीब पहुंचा एक्टिव केस
कोरोना के ताजा मामलों की बात करें तो ये काफी ज्यादा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक भारत में बीते 24 घंटे में कोरोना के 1 लाख 59 हजार 632 मामले सामने आये हैं। गौरतलब है कि इसके 1 दिन पहले देश में 1 लाख 17 हजार के करीब संक्रमित मिले थे। आंकड़ा बताता है कि बीते 24 घंटे में 40 हजार 863 मरीजों ने कोरोना को मात दी है। इस दरम्यान 327 मरीजों की मौत भी हो गई। दैनिक पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 10.21 फीसदी तक पहुंच गई है। 

प्रतिष्ठित साइंस जर्नल की स्टडी में क्या
आज से 15 दिन पहले जहां देश में एक्टिव कोरोना मरीजों की संख्या 70 हजार के आसपास थी वहीं अब 6 लाख के करीब पहुंच गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का आंकड़ा बताता है कि देश में फिलहाल 5 लाख 90 हजार 611 कोरोना मरीज हैं। कोरोना महामारी की शुरुआत से लेकर अब तक 3 करोड़ 44 लाख 53 हजार 603 मरीज ठीक हो चुके हैं। अब तक 4 लाख 83 हजार 790 मरीजों की मौत हो चुकी है। मृतकों का ये आधिकारिक आंकड़ा है। प्रतिष्ठित साइंस जर्नल द्वारा की गई एक स्टडी में दावा किया गया है कि भारत में कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान तकरीबन 32 लाख लोगों की जान गई। 

ओमिक्रॉन के मामलों की पहचान होगी कैसे
गौरतलब है कि देश में ओमिक्रॉन के मामले भी लगातार बढ़ रहे हैं। ओमिक्रॉन कोरोना वायरस का नया वेरिएंट है। इस वेरिएंट की पहचान पहली बार दक्षिण अफ्रीका में हुई थी। आंकड़ा बताता है कि सभी 27 राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों को मिलाकर ओमिक्रॉन वेरिएंट के कुल 3 हजार 623 मामले सामने आए हैं। इनमें से 1 हजार 409 मरीज ठीक हो चुके हैं। हालांकि, ओमिक्रॉन के इतने ही मामले हैं, इस पर संशय है क्योंकि कई राज्यों में वेरिएंट का पता लगानी वाली जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन ही नहीं है।