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डब्ल्यूएचओ का बड़ा तोहफा, भारत में होगी पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केंद्र की स्थापना

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द फाॅलोअप टीम, डेस्क
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने शुक्रवार को घोषणा की कि वह भारत में पारम्परिक दवाइयों के एक वैश्विक केंद्र की स्थापना करेगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विश्वास जताया कि जिस प्रकार भारत विश्व के औषधालय के रूप में उभरा है उसी प्रकार यह केंद्र वैश्विक स्वास्थ्य का केंद्र बनेगा। 

मोदी के कार्यक्रम में गेब्रेसस दिया वीडियो संदेश 
वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से आयोजित एक कार्यक्रम में पांचवें आयुर्वेद दिवस पर आयुर्वेद संस्थानों जामनगर के आयुर्वेद अध्यापन एवं अनुसंधान संस्थान (आईटीआरए) और जयपुर के राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (एनआईए) को राष्ट्र को समर्पित कर रहे थे। गेब्रेसस ने अपने संदेश में कहा, मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि पारम्परिक और पूरक चिकित्सा के क्षेत्र में अनुांधान, प्रशिक्षण और जागरूकता बढ़ाने के लिए हम भारत में पारम्परिक दवाइयों का डब्ल्यूएचओ का केंद्र स्थापित करने पर सहमत हुए हैं। 

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पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केन्द्र के रूप में भारत का चयन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आयुर्वेद भारत की विरासत है जिसके विस्तार में पूरी मानवता की भलाई समाई हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना के संक्रमण से भारत आज संभली हुई स्थिति में है तो इसमें पारम्परिक चिकित्सा पद्धति का बहुत बड़ा योगदान है जो आज अन्य देशों को भी समृद्ध कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह सम्मान की बात है कि डब्ल्यूएचओ ने पारम्परिक दवाइयों के वैश्विक केन्द्र की स्थापना के लिए भारत को चुना है। उन्होंने कहा, अब भारत से दुनिया के लिए इस दिशा में काम होगा। भारत को ये बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए मैं डब्ल्यूएचओ और उसके महानिदेशक का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।