द फॉलोअप टीम, रांची
बिहार और झारखंड के पॉजिटिव मरीजों की संख्या देखें तो एक नजर में यही लगता है कि बिहार के हालात बेहद खराब हैं और झारखंड काफी सेफ है। ऐसा इसलिए भी लगता है क्योंकि दोनों राज्यों में कोरोना संक्रमितों के मिलने का जो आंकड़ा है उसमें जमीन आसमान का अंतर है। अब देखिए न सोमवार को बिहार में 2702 कोरोना के नए मामले सामने आए हैं जबकि झारखंड की बात करें तो यहां महज 751 नए केस मिले हैं। यानी झारखंड की तुलना में बिहार में करीब 3 गुना से ज्यादा संक्रमित मिल रहे हैं। लेकिन सच सिर्फ इतना ही नहीं है। सच और भी बहुत कुछ है जो कि झारखंड के लोगों के डरानेवाली है। जी हां, सच ये है कि बिहार के मुकाबले झारखंड में हालात ज्यादा विस्फोटक हैं विस्फोटक इसलिए क्योंकि असल में बिहार में ज्यादा सैंपल कलेक्ट हो रहे हैं तो ज्यादा पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं और झारखंड में कम जांच हो रही है इसलिए यहां कम संक्रमित मिल रहे हैं। लेकिन बिहार में संक्रमितों की दर पिछले कुछ दिनों में बेहतर हुई और झारखंड में खराब।
कितने सैंपल में कितने पॉजिटिव ?
चलिए आपको बताते हैं कि आखिर कैसे बिहार से ज्यादा झारखंड के हलात बदतर है। सबसे पहले 3 अगस्त का आंकड़ा जानते हैं। 3 अगस्त को बिहार में 36534 संदिग्धों के सैंपल लिए गए, जिसमें से 2297 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई। यानी 100 सैंपल में 6.29 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो रही है। जबकि झारखंड की बात करे तो 3 अगस्त को यहां 5512 लोगों के सैंपल कलेक्ट किए गये। बैकलॉग में पड़े कुछ सैंपलों के साथ नए सैंपल की रिपोर्ट आई। यानी 6255 सैंपलों की जांच रिपोर्ट आई। इसमें 751 पॉजिटिव केस मिले। यानी 100 सैंपल में 9 से ज्यादा लोग पॉजिटिव मिले। ये सिर्फ एक रोज की बात नहीं है बल्कि हाल के दिनों में कमोबेश ऐसे ही आंकड़े सामने आ रहे हैं।
बिहार
तारीख सैंपल पॉजिटिव
25 जुलाई 12461 2803
26 जुलाई 14199 2605
27 जुलाई 14236 2192
28 जुलाई 16275 2480
29 जुलाई 17794 2328
30 जुलाई 20801 2082
31 जुलाई 22742 2986
1 अगस्त 28624 2502
2 अगस्त 35619 2762
3 अगस्त 36534 2297
झारखंड
तारीख सैंपल पॉजिटिव
26 जुलाई 5685 508
27 जुलाई 5353 454
28 जुलाई 8264 760
29 जुलाई 5271 331
30 जुलाई 8194 505
31 जुलाई 8298 915
1 अगस्त 12887 790
2 अगस्त 8969 455
3 अगस्त 6255 751
आंकड़ों की जुबानी, बिहार की कहानी
ओवरऑल बात करें तो बिहार में अबतक 6.49 लाख सैंपल की जांच की जा चुकी है, जिसमें कुल 59567 नतीजे पॉजिटिव पाए गए। यानी कुल 9.17 फीसद लोग कोरोना पॉजिटिव मिले। यहां ध्यान में रखनेवाली बात ये है कि 15 जुलाई से पहले तक ये आंकड़ा 15.7 फीसदी से ज्यादा था। यानी पहले 100 लोगों की जांच होती थी तो 15 लोग पॉजिटिव मिलते थे, लेकिन अब 7 के आसपास ही संक्रमित मिल रहे हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग का टारगेट इसे और कम करके 5 फीसदी करने का है। विभाग के मुताबिक, पिछले 5 दिनों में प्रतिदिन होने वाली जांच की संख्या दोगुनी हो चुकी है। बिहार में कोरोना का रिकवरी रेशियो भी सुधरा है। राज्य में अब रिकवरी रेशियो बढ़कर 64.65 फ़ीसदी हो गया है। 40 हजार के आसपास ठीक होकर अपने-अपने घरों को लौट चुके हैं जबकि फिलहाल 20722 एक्टिव केस मौजूद हैं।
क्या कहते हैं झारखंड के आंकड़ें ?
झारखंड की बात करें तो झारखंड में अबतक 3,53,004 सैंपल लिये जा चुके हैं। इसमें 3,39,560 की जांच हो चुकी है। इनमें से 13633 पॉजिटिव केस सामने आए हैं। राज्य में अब तक 4794 मरीज ठीक हो चुके हैं। फिलहाल कोरोना के कुल 8714 एक्टिव केस हैं। इस समय 13, 444 सैंपल बैकलॉग में भी है। अगर टेस्ट और पॉजिटिव केसेज पर गौर करें तो यहां झारखंड बिहार की तुलना में बेहतर है। इसमें कोई शक भी नहीं है कि पहले झारखंड में सबकुछ कंट्रोल में भी था लेकिन हाल के दिनों में जिस तरह से संक्रमितों के मिलने का रेशियो बढ़ा है वो डराने और चौंकानेवाला है।
टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने पर जोर देने की जरुरत
कुल मिलाकर कोरोना मरीजों की संख्या कम देखकर झारखंड सरकार और स्वास्थ्य महकमा को खुश होने की जरुरत नहीं है बल्कि जरुरत है, लगातार टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने का ताकि संक्रमित की पहचान कर कोरोना के चेन को तोड़ा जा सके। नहीं तो आने वाले दिनों में हालात और भी बदतर हो सकते हैं। तब सिवाय पछताने के और कुछ नहीं मिलेगा। आपको बता दें कि हमारा मकसद डराना और पैनिक फैलाना नहीं है बल्कि आगाह करना है ताकि प्रदेश को कोरोना का हॉटस्पॉट बनने से रोका जा सके।