द फॉलोअप टीम, नई दिल्ली:
लोन मोरेटोरियम अवधि के ब्याज पर ब्याज को माफ किए जाने की मांग को लेकर दायर विभिन्न याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट 5 नवंबर को अगली सुनवाई करेगा। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने कोरोना संकट में लोन लेनेवाले ग्राहकों को 6 महीने के लिए लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। केंद्र सरकार ने दो करोड़ रुपये तक के एमएसएमई लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज पर ब्याज को माफ करने को लेकर सहमति दी है। आरबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर कहा कि बैंकों और गैर-बैंकिंग वित्त कंपनियों (एनबीएफसी) को 5 नवंबर तक 2 करोड़ रुपये के लोन पर 'ब्याज पर ब्याज' चुकाना होगा।
5 नवंबर को होगी अगली सुनवाई
जस्टिस अशोक भूषण, आर सुभाष रेड्डी और एमआर शाह की बेंच छह महीने की लोन मोरेटोरियम वाली याचिका पर अगली सुनवाई 5 नवंबर 2020 को होगी। आरबीआई ने मार्च 2020 से लेकर अगस्त 2020 तक लोन लेनेवाले ग्राहकों को लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने लोन मोरेटोरियम के मामले की आखिरी सुनवाई 14 अक्टूबर को की थी। इसके अलावा गत 2 नवंबर को इस केस पर सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी कारणवश सुनवाई को टाल दिया गया।
'फैसला लागू करने में इतनी देरी क्यों?'
14 अक्टूबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ब्याज पर ब्याज माफी स्कीम को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए। इस दौरान केंद्र ने सर्कुलर जारी करने के लिए 15 नवंबर तक का वक्त मांगा था। सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि सरकार 15 नवंबर तक इससे जुड़े सर्कुलर जारी कर देगी। इसे ठुकराते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को 2 नवंबर तक सर्कुलर जारी करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा कि जब फैसला हो चुका है, तो उसे लागू करने में इतना समय क्यों लगना चाहिए।
5 नवंबर तक आएगा कैशबैक
बता दें इससे पहले रिजर्व बैंक ने मंगलवार को सभी बैंकों और फाइनेंशियल संस्थानों से कहा था कि वे दो करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए हाल ही में घोषित ब्याज पर ब्याज की माफी योजना को लागू करें। सरकार ने सभी बैंकों को 5 नवंबर तक चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर को कर्जदारों के खाते में जमा करने का निर्देश दिया है। यह फायदा 1 मार्च से 21 अगस्त के बीच यानी 184 दिन के लोन पर मिलेगा। इस योजना को फायदा उनलोगों को भी मिलेगा, जिन्होंने मोरेटोरियम के लिए अप्लाई नहीं किया है।
सरकार चुकाएगी लोन के पैसे
बता दें सरकार बकाया लोन के चक्रवृद्धि ब्याज और साधारण ब्याज के अंतर का पैसा खुद भरेगी। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 2 करोड़ रुपए तक के एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन सहित 8 सेक्टर पर लागू कंपाउंड इंटरेस्ट को माफ किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज नहीं वसूले जाएंगे।
जानिए क्या है लोन मोरेटोरियम?
कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन में कई लोगों की नौकरियां चली गईं। ऐसे में लोन की किस्तें चुकाना मुश्किल था। ऐसे में रिजर्व बैंक ने लोन मोरेटोरियम की सहूलियत दी थी। यानी लोन पर किस्तें टाल दी गई थी। किसी लोन पर मोरेटोरियम का लाभ लेते हुए किस्त नहीं चुकाई तो उस अवधि का ब्याज मूलधन में जुड़ जाएगा। यानी अब मूलधन+ब्याज पर ब्याज लगेगा। इसी ब्याज पर ब्याज का मसला सुप्रीम कोर्ट में है।