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15वें वित्त आयोग की राशि खर्च करने पर जोर, ग्रामीण विकास सचिव ने लिया संज्ञान

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द फॉलोअप टीम, रांची
राज्य सरकार की अनुमति के बावजूद पंचायतों में 15वें वित्त आयोग की राशि खर्च नहीं हो पा रही है। भारत सरकार ने जुलाई महीने में ही पंचायतों को करीब 632 करोड़ रुपये रिलीज कर दिये थे। यह राशि चार महीने से पंचायतों में पड़ी है, लेकिन खर्च नहीं हो पा रहा है। इसलिए गांवों में विकास की योजनाएं नहीं ली जा रही हैं। 
   
ग्रामीण विकास सचिव ने लिया संज्ञान
इस मामले की जानकारी मिलने पर ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने सारे उप विकास आयुक्तों को यह निर्देश दिया है कि हर हाल में दिसंबर तक सारी राशि खर्च करा ली जाये। सचिव ने कहा है कि किसी भी हाल में राशि खर्च करने से पंचायतों को ना रोका जाये। उन्होंने कहा कि उन्हें यह सूचना मिली है कि पंचायतों को राशि खर्च करने से रोका जा रहा है। ऐसा प्रखंड विकास पदाधिकारियों के स्तर पर हो रहा है। सचिव ने कहा कि प्रखंड विकास पदाधिकारी का काम मॉनिटरिंग करना और अनियमितता को रोकना है। उन्हें राशि खर्च करने से रोकने का अधिकार नहीं है।

एक लाख से ज्यादा आवास लंबित
ग्रामीण विकास सचिव ने योजनाओं की समीक्षा के दौरान  पाया कि 100719 आवास लंबित हैं। इन आवासों में से 74055 आवास 2019-20 के हैं। सचिव ने अधिकारियों से कहा कि 2019-20 के आवास का फंड ट्रांसफर आर्डर  (एफटीओ) एक साल तक लंबित रखने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने सभी अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वह 15 दिसंबर तक हर हाल में लंबित आवासों को पूरा करें।